छत्तीसगढ़ में गौठानों को लेकर सियासत , रमन सरकार के 15 सालों में 17 हजार गायों की मौत…

रायपुर , 23 मई 2023 : छत्तीसगढ़ में इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के बीच गौठानों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस ने कल सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि कांग्रेसियों का दावा है कि रमन राज में प्रदेश की 17 हजार गायों की मौत हुई है। कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने पार्टी के प्रवक्ताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर ये आरोप लगाया है कि रमन सरकार के 15 सालों में 17 हजार गायों की मौत बिना चारा पानी के भूख और प्यास से तड़प कर हुई है। कांग्रेस ने इसे गायों की हत्या करार दिया है।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी गौठान को लेकर माहौल खराब कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार देश की ऐसी पहली सरकार है जो गौठान के तहत गौ-सेवा कर रही है। बीजेपी भ्रष्टाचार कहकर अपनी खीझ निकाल रही है। उन्होनें आरोप लगाया कि रमन सरकार में गौशाला पर 1677.67 करोड़ का बंदरबांट किया गया है। 1 हजार एकड़ जमीन गौशाला के नाम पर अपने नेताओं को बांट दी गयी और हर साल लाखों रुपए उनको दिए गए।
बीजेपी नेता की गौशाला में 58 गायों को भरा गया था और जब दरवाजा खोला गया तब एक साथ मृत गायें बाहर गिर गयी। गौशाला में मछली पालन का तालाब बनाया गया था,जिसमें गायों के मांस का उपयोग मछली के चारे के रूप में होता था। गायों के चमड़े और हड्डी का व्यापार करने के लिये गायों को भूखा रख कर मारा जाता था।
दुर्ग जिले के धमधा में राजपुर की गौशाला का उदाहरण देते हुए उन्होने कहा कि गौशाला में गायें चारे-पानी के अभाव में भूखी मर गयी थी। दुर्ग के दशरंगपुर गौशाला में सैकड़ों गायें मृत पायी गयी थी। कांकेर के कर्रामाड़, दुर्गकोंदुल, रायगढ़ की चक्रधर गौशाला, धमतरी की जिला गौशाला, गरियाबंद गौशाला, महासमुंद में बागबाहरा गौशाला,पखांजुर गौशाला, गोंडमर्रा बेमेतरा, रानी साराज गोरक्षा केन्द्र, बिलासपुर के पथरिया और कोरोबा की गौशाला में भूख,प्यास से गायों की मौत हुई है।
कांग्रेस का कहना है कि इन तमाम मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए प्रदर्शन किया है। उन्होने कहा कि भूपेश सरकार में प्रदेश में 10894 गौठान स्वीकृत हुए, जिनमें 9591 गौठानों का निर्माण कराया गया। जिसमें गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा इसकी देखरेख की जाती है लेकिन मुद्दा विहिन बीजेपी अपनी राजनीति चमकाने के लिए गांव वालों की निष्ठा और उनके काम पर सवाल खड़ा कर रही है।

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