आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार रात 9:30 बजे वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मचने से एक महिला समेत 6 लोगों की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। ट्रस्ट के सदस्य भानु प्रकाश ने बताया कि दर्शन के लिए 91 काउंटर खोले गए थे, जहां 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु लाइन में खड़े थे। बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने के दौरान, आगे बढ़ने की होड़ में भगदड़ मच गई, जिससे मल्लिका नामक महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
सीएम और प्रधानमंत्री ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने उच्च अधिकारियों से फोन पर स्थिति की जानकारी ली और घायलों को बेहतर उपचार प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को तिरुपति पहुंचकर घायलों से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने भी घटना पर दुख जताया।
वैकुंठ द्वार दर्शन की तैयारी
वैकुंठ द्वार 10 जनवरी से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी के लिए खुलने वाले थे। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने बताया कि इन 10 दिनों में लगभग 7 लाख भक्तों के आने की संभावना है। दर्शन की शुरुआत सुबह 4:30 बजे प्रोटोकॉल दर्शन से और 8 बजे सर्वदर्शन से होनी थी।
तिरुपति: भारत का सबसे अमीर और प्रसिद्ध मंदिर
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे अमीर तीर्थस्थलों में से एक है। इसका निर्माण राजा तोंडमन ने करवाया था और प्राण प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य ने की थी। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने विवाह के लिए कुबेर से कर्ज लिया था, जिसे श्रद्धालु दान देकर चुकाने में मदद करते हैं। मंदिर को हर साल लगभग एक टन सोना दान में मिलता है