राजधानी रायपुर का जकात फाउंडेशन ने गरीब बच्चों की निशुल्क शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। फाउंडेशन ने पिछले 10 सालों में पांच हजार से अधिक गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद की है और इस साल 800 बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है।
जकात फाउंडेशन की मदद से गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए मुस्लिम समुदाय से मिलने वाली राशि का उपयोग किया जाता है। इस साल फाउंडेशन को करीब 56 से 57 लाख रुपए की राशि मिल रही है, जिससे बच्चों की शिक्षा और अन्य जरूरतों का इंतजाम किया जाता है।
रायपुर के छोटापारा स्थित जकात फाउंडेशन अब तक लगभग चार करोड़ रुपए गरीबों की सेवा में खर्च कर चुका है। फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य बच्चों की तालीम देना है, और इस्लाम के पांच पिलरों में से एक जकात के तहत मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी कमाई का 2.5 प्रतिशत हिस्सा दान करते हैं, जिसका उपयोग गरीब बच्चों की शिक्षा में किया जाता है।
10 साल पहले शुरू हुआ शिक्षा अभियान
जकात फाउंडेशन ने 2015 में ड्रॉपआउट होने वाले बच्चों और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए एक अभियान शुरू किया था। पहले साल 50 बच्चों की पढ़ाई का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन पहले ही साल में 10 लाख रुपए की राशि प्राप्त हुई और फाउंडेशन ने 250 बच्चों की मदद की। धीरे-धीरे फाउंडेशन को मिल रही राशि बढ़ती गई, और अब यह राशि 57 लाख रुपए तक पहुंच गई है।
रमजान में अधिक राशि मिलती है
रमजान के महीने में जकात के तहत मिलने वाली राशि अधिक होती है, जिससे बच्चों को स्कॉलरशिप देने के लिए राशि एकत्रित की जाती है। पहले फाउंडेशन मदद के लिए लिखित फॉर्म से आवेदन लेता था, लेकिन अब ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से भी मदद दी जाती है।
शिक्षा के दायरे में विस्तार
अब जकात फाउंडेशन ने केवल स्कूली शिक्षा तक सीमित नहीं रखा, बल्कि बच्चों को शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाता है, साथ ही नीट और एमबीबीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी दी जाती है। वर्तमान में फाउंडेशन की मदद से 10 बच्चियां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं, 30 बच्चे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और 12 बच्चियां नर्सिंग की पढ़ाई कर रही हैं। इनमें से एक बच्ची आज एम्स में काम कर रही है।
महिलाओं के लिए विशेष ट्रेनिंग
इसके अलावा, महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई, मेंहदी जैसी प्रशिक्षण भी दी जाती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। फाउंडेशन के अध्यक्ष सैय्यद अकील का मानना है कि गरीब बच्चों और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए यही जकात का सही उपयोग है।
भविष्य की योजनाएं
फाउंडेशन के सचिव मोहम्मद ताहिर ने बताया कि भविष्य में फाउंडेशन गर्ल्स हॉस्टल, सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी और कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले स्कूलों को मजबूत करने के लिए काम करेगा। हाल ही में नूरानी चौक स्कूल में स्मार्ट क्लास भी शुरू की गई है।
फकीर महिला की मदद ने दी प्रेरणा
फाउंडेशन की शुरुआत में एक फकीर महिला की मदद को हमेशा याद रखा जाएगा। जब फाउंडेशन के अध्यक्ष सैय्यद अकील दरगाह के बाहर गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए मदद मांग रहे थे, तब एक फकीर महिला ने पंपलेट पढ़कर उन्हें 100 रुपए दिए और कहा, “50 रुपए वापस करो, ये मेरी तरफ से गरीब बच्चों के लिए दान है।” यह दान फाउंडेशन के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गया और अभियान को और तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद मिली।
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के बाद शुरू किया शिक्षा अभियान
केंद्र सरकार द्वारा गठित सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में मुस्लिम समुदाय के बच्चों की स्थिति को लेकर चिंताएं जताई गई थीं। रिपोर्ट में यह बताया गया कि मुस्लिम समुदाय की स्थिति एससी, एसटी और ओबीसी से भी बदतर है। इसके बाद जकात फाउंडेशन ने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह अभियान शुरू किया।