भारतीय बाजारों में आम का सीजन जोरों पर है। स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिए फायदेमंद यह फल गर्मियों का राजा कहलाता है। लेकिन मांग बढ़ते ही कुछ लोग इसे जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल करने लगे हैं, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं।
इसी को लेकर FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं जो फल पकाने में केमिकल का प्रयोग कर रहे हैं।
कैल्शियम कार्बाइड क्या है और क्यों है खतरनाक?
यह एक औद्योगिक केमिकल है, जिसका उपयोग अवैध रूप से फलों को जल्दी पकाने में किया जाता है। बाहर से आम भले ही पका लगे, लेकिन अंदर से यह कच्चा रहता है और ज़हरीले असर छोड़ सकता है।
डॉ. पूनम तिवारी (सीनियर डाइटीशियन) के मुताबिक, इससे पके आम में मिठास और पोषण कम होता है। लंबे समय तक सेवन से गैस, एसिडिटी, लीवर डिसऑर्डर और बच्चों व बुजुर्गों में गंभीर असर हो सकता है।
कैसे पहचानें केमिकल से पका आम?
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रंग: बहुत चमकदार और एकसमान पीला रंग – शक करें।
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खुशबू: तीखी या कोई भी खुशबू नहीं – यह नेचुरल आम नहीं।
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स्वाद: फीका या अजीब स्वाद – पोषक तत्वों की कमी।
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बनावट: बहुत सख्त या जरूरत से ज्यादा नरम – केमिकल यूज़ का संकेत।
आम को पकाने का प्राकृतिक तरीका
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आम को कागज़ में लपेटकर कमरे के तापमान पर रखें
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या भूसे में दबाकर 2-3 दिन रखें
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इस प्रक्रिया से आम नेचुरल और सुरक्षित रूप से पकता है।
शिकायत कहां करें?
अगर आपको शक हो कि कोई दुकानदार केमिकल से आम पका रहा है, तो आप इन संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं:
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स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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नगर निगम या पुलिस
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खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग
क्या हो सकती है सजा?
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FSS अधिनियम, 2006 के तहत लाइसेंस रद्द और जुर्माना
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BNS की धारा 149: 6 महीने की जेल या जुर्माना या दोनों
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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम: हेल्थ डैमेज पर कंपनसेशन और केस
सिर्फ आम ही नहीं…
केले, पपीते और चीकू जैसे फल भी इसी तरह से केमिकल से पकाए जाते हैं। इनका भी स्वास्थ्य पर उतना ही बुरा असर पड़ सकता है।