मणिपुर में करीब 2 साल बाद फ्री ट्रैफिक मूवमेंट शुरू होने के बाद कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में हिंसा भड़क उठी। इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर शनिवार को बसें चलनी शुरू हुईं, लेकिन कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर पत्थर बिछा दिए, पेड़ काटकर गिरा दिए और कई जगह गाड़ियां खड़ी कर सड़कें रोक दीं। बसों और कारों में आग लगा दी गई। सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की।
इस हिंसक झड़प में 1 शख्स की मौत हुई है, जबकि 16 गंभीर रूप से घायल हैं। सुरक्षाबलों की ओर से पैलेट गन का इस्तेमाल होने की भी खबर है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
मणिपुर के मुख्य सचिव पीके सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे हैं। राजधानी इंफाल से चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।