रायपुर : साउंड बाक्स लगाकर डीजे बजाते हुए पकड़े जाने पर वाहनों की परमिट निरस्त करने की कार्रवाई होगी। चेतावनी देने के बाद भी डीजे बजाने पर एक्शन लिया जाएगा। साउंड सिस्टम और अन्य सामानों को जब्त कर लिया जाएगा। यह मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) के आदेश के बाद ही मिलेगा। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद राज्य सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र सिंह भारद्वाज द्वारा इसका आदेश जारी किया गया है। इसमें सभी कलेक्टर और एसपी को साउंड पॉल्यूशन कंट्रोल करने कहा गया है।
उन्हें ध्वनि प्रदूषण के मामले में शिकायत से पहले संज्ञान लेकर कार्रवाई करने और राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों को भी शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया है। साथ ही अधिकारियों को शिकायत का इंतजार नहीं करते हुए खुद जाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। आवास एवं पर्यावरण विभाग ने सभी एसपी और कलेक्टर को पत्र लिखा है।
समझाइश के बाद सख्ती
हाईकोर्ट ने कहा है कि जब भी शादियां, जन्मदिन, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों में निर्धारित गाइड लाइन से अधिक ध्वनि प्रदूषण होने पर अधिकारी जाएं तो लोगों की भावना की कद्र करते हुए नम्रता के साथ आदेश का पालन करने को कहें। विरोध करने पर उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सामानों को जब्त कर कोर्ट में कार्रवाई की जाए।
प्रेशर हॉर्न पर एक्शन
वाहनों में प्रेशर हार्न बजाते हुए पकडे़ जाने पर तुरंत जब्त कर नष्ट करने और चालानी कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। इसका ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज कर वाहन नंबर के साथ मालिक और चालक का डाटा बेस रखें।
शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और कोर्ट के आसपास प्रतिबंध
राज्य सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, कोर्ट, आफिस से 100 मीटर एरियल डिस्टेंस पर लाउडस्पीकर बजने पर प्रतिबंधित है। कलेक्टर, पुलिस और प्राधिकृत अधिकारी को ध्वनि प्रदूषण यंत्रों को जब्त करेंगे।