देश में एंटी पेपर लीक करने वालों की अब खैर नहीं, 10 साल की होगी सजा लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना…

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। सरकार ने शुक्रवार देर रात को इस कानून को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इस कानून को लोक परीक्षा कानून 2024 यानि पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 नाम दिया गया है। ये कानून फरवरी 2024 में संसद से पारित हुआ था। इस कानून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंजूरी दे चुकी हैं। इस कानून के लागू होने के बाद पेपर लीक के दोषियों को तीन साल से 10 साल तक की सजा और 10 लाख से एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी।
NET और NEET की परीक्षा में धांधली की बात सामने आने के बाद देश में जमकर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में NTA ने CSIR-UGC-NET की परीक्षा भी स्थगित कर दी है। NTA का कहना है कि संसाधनों की कमी के चलते ऐसा किया गया है। यह परीक्षा 25 जून से 27 जून के बीच होने वाली थी। अगली तारीख का एलान NTA की आधिकारिक वेबसाइट पर किया जाएगा।
हजारीबाग से पेपर लीक की आशंका
गुजरात और बिहार के बाद अब झारखंड से जुड़े NEET पेपर लीक के तार जुड़ते दिख रहे हैं। पटना में बरामद NEET पेपर के जले बुकलेट हजारीबाग सेंटर से लीक होने की आशंका है। EOU (इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट) ने जले हुए बुकलेट का मिलान करने के लिए NTA से असली प्रश्न पत्र की मांग की है।
पेपर लीक करने पर एक करोड़ का जुर्माना
अगर कोई व्यक्ति या समूह मिलकर पूरी योजना के साथ पेपर लीक करता है तो 5-10 साल की सजा और कम से कम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। अगर कोई संस्था पेपर लीक में शामिल है तो उसकी संपत्ति नष्ट करने और परीक्षा का पूरा खर्च उसी संस्थान से वसूलने का नियम है। इस कानून के तहत आरोपी को जमानत का प्रावधान भी नहीं है। डीएसपी या असिस्टेंट कमिश्नर से छोटे पद पर काबिज कोई अधिकारी इस कानून के तहत जांच नहीं कर सकता।
डिफाल्टर घोषित हुई छत्तीसगढ़ की यह पांच विश्वविद्याल , यूजीसी ने जारी की लिस्ट…
रायपुर : छत्तीसगढ़ की पांच विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने छत्तीसगढ़ की डिफाल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट जारी की है. ये उन यूनिवर्सिटी की सूची है जिन्होंने लोकपाल नियुक्त नहीं किए थे.बता दें कि यूनिवर्सिटी को यूजीसी ने 2023 के नियमानुसार एक लोकपाल नियुक्त करने के लिए कहा था. आयोग ने डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की अपडेटेड लिस्ट जून महीने में जारी की है।