अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों का तीसरा बैच 16 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा
अमेरिका से अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसरा बैच 16 फरवरी की रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में कुल 112 लोग आए हैं, जिनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 लोग शामिल हैं। इन लोगों की वापसी के बाद, लगभग 6 घंटे की पूछताछ के बाद वे एयरपोर्ट से बाहर आ गए। हरियाणा के डिपोर्ट हुए लोगों के लिए पुलिस द्वारा वॉल्वो बस भेजी गई थी।
अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंची प्रशासनिक टीम
अमृतसर की जिलाधिकारी साक्षी साहनी भी एयरपोर्ट पर पहुंचीं और उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सभी डिपोर्ट किए गए लोग शारीरिक रूप से तंदुरुस्त हैं। कुछ बच्चों को भी डिपोर्ट किया गया था, जिनके लिए डाइपर और दूध उपलब्ध कराया गया।
अगले बैच का आगमन और डिपोर्टेशन प्रक्रिया
वहीं, 17 फरवरी की रात साढ़े 11 बजे दूसरे बैच के 116 भारतीयों को लेकर एक और अमेरिकी विमान अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इस बैच में महिलाओं और बच्चों को छोड़कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया। इन लोगों के परिवार से मुलाकात कराई गई और लगभग 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद उन्हें पुलिस की गाड़ियों में घर भेजा गया। इससे पहले, 5 फरवरी को 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया था।
डिपोर्ट किए गए भारतीयों की विविध कहानियाँ
पंजाब और हरियाणा से आए डिपोर्ट किए गए भारतीयों की स्थिति अलग-अलग थी। पटियाला के सोहजबीर ने अपनी 3 एकड़ जमीन गिरवी रखकर 60 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन अब उनका बेटा अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौट आया है। इसी तरह, जश्नप्रीत सिंह, जो अमेरिका के रिफ्यूजी कैंप में रहे थे, उनकी मां कुलदीप कौर ने राहत की सांस ली क्योंकि उनका बेटा सही सलामत घर लौट रहा था।
गुरदासपुर के अजायब सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को अमेरिका भेजने के लिए 50 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन अब वह डिपोर्ट होकर वापस लौट रहा है।
पंजाब सरकार की प्रतिक्रिया
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रक्रिया पर प्रतिक्रिया दी और बताया कि पंजाब सरकार ने डिपोर्ट हुए लोगों के रहने, खाने और उन्हें घर तक भेजने की सारी व्यवस्था की है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब का व्यक्ति जिस इलाके से होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी उनके घरों तक छोड़ा जाएगा, जबकि बाकी को दिल्ली भेजा जाएगा।
अमेरिका में अवैध भारतीयों की संख्या
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, 2023 तक अमेरिका में लगभग 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। यह संख्या मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद तीसरे नंबर पर है। पिछले तीन सालों में अमेरिका ने लगभग 90 हजार भारतीयों को अवैध तरीके से घुसने की कोशिश करते हुए पकड़ा है। इन अवैध प्रवासियों में अधिकांश लोग पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से हैं।
अमेरिका का डिपोर्टेशन अभियान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद अवैध अप्रवासियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें डिपोर्ट करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे। उनका मानना है कि अवैध प्रवासी अमेरिकी समाज के लिए खतरा हैं, और इससे अमेरिकी नागरिकों को रोजगार की समस्या का सामना करना पड़ता है।