छत्तीसगढ़ के कई निजी स्कूलों में इस साल 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षाएं अब केंद्रीकृत तरीके से नहीं होंगी। यह फैसला राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए नए आदेश के बाद लिया गया है, जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद लागू हुआ।
क्या है मामला?
26 नवंबर 2024 को राज्य सरकार ने 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षाओं का फैसला लिया था, जिसमें सभी सरकारी और निजी स्कूलों में एक समान प्रश्नपत्र और समय-सारणी के आधार पर परीक्षा होनी थी। लेकिन निजी स्कूलों के प्रबंधन और पालक संघ ने इस फैसले का विरोध करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि वे उन किताबों से छात्रों को पढ़ा नहीं रहे थे, जिनके आधार पर परीक्षा ली जानी थी। साथ ही, सत्र के बीच परीक्षा पैटर्न में बदलाव से छात्रों को कठिनाई हो सकती थी।
हाईकोर्ट का फैसला और नया आदेश
3 मार्च 2025 को हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि निजी स्कूलों के लिए केंद्रीकृत परीक्षा को अनिवार्य नहीं किया जा सकता। इसके बाद, 6 मार्च 2025 को स्कूल शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि:
- जो निजी स्कूल इस साल की 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें छूट दी जाएगी।
- जो निजी स्कूल और छात्र स्वेच्छा से परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें यह विकल्प मिलेगा।
- सरकारी स्कूलों में 5वीं और 8वीं की परीक्षाएं पहले की तरह केंद्रीकृत तरीके से ही होंगी।
इस फैसले का असर
- अब निजी स्कूल अपने तरीके से परीक्षा आयोजित कर सकेंगे।
- सरकारी स्कूलों में केंद्रीकृत परीक्षा अनिवार्य बनी रहेगी।
- छात्र यह विकल्प चुन सकेंगे कि वे शिक्षा विभाग की परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं या नहीं।
इस फैसले के बाद, अब निजी स्कूलों के लिए 5वीं और 8वीं की परीक्षा में बदलाव के मुद्दे को लेकर एकरूपता बनी रहेगी, और छात्रों को अधिक विकल्प मिलेंगे।