रायपुर से विशाखापटनम तक बनने वाले इकनॉमिक कॉरिडोर के लिए ज़मीन अधिग्रहण में करोड़ों की हेराफेरी का मामला विधानसभा में गूंज उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अभनपुर तहसील के चार गांवों में हुए 43 करोड़ 19 लाख के गड़बड़झाले को सदन में उजागर किया।
एनपीजी की रिपोर्ट में सामने आए इस बड़े घोटाले ने पूरे प्रदेश को हिला दिया। भारत माला परियोजना के तहत कुल 324 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया, जिससे सरकार की साख पर सवाल उठने लगे। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार को घेरा और सीबीआई जांच की मांग कर डाली।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कमिश्नर से जांच का आश्वासन दिया, लेकिन मामला तूल पकड़ता गया। आखिरकार, मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मानते हुए ईओडब्ल्यू जांच की घोषणा कर दी। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि जांच में कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होंगे और घोटालेबाजों पर क्या कार्रवाई होगी!