मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जो राज्य के विकास और प्रशासन को नई दिशा देंगे।
भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच
कैबिनेट ने भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) से कराने का फैसला किया है।
नक्सल उन्मूलन नीति में बदलाव
राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए नई नीति “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025” को मंजूरी मिली। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
युवाओं के लिए सुशासन फेलोशिप योजना
सुशासन में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए “मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना” शुरू करने का निर्णय हुआ। यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन, नई दिल्ली के सहयोग से संचालित होगी। फेलोशिप पूरा करने वाले युवाओं को आईआईएम रायपुर से एमबीए की डिग्री मिलेगी और उन्हें सरकार की योजनाओं पर काम करने का अवसर मिलेगा।
महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025, छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025, और छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी।
फिल्म “छावा” हुई टैक्स फ्री
मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार, ऐतिहासिक फिल्म “छावा” को टैक्स फ्री करने का फैसला लिया गया, जिससे दर्शकों को यह फिल्म कम कीमत पर देखने को मिलेगी।
राज्य जल सूचना केंद्र (SWIC) का गठन
जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर (SWIC) की स्थापना का निर्णय लिया गया। यह केंद्र बारिश, जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, फसल कवरेज और जल संसाधन डेटा का संग्रह और विश्लेषण करेगा, जिससे जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।
बांधों के सुधार के लिए 522.22 करोड़ की मंजूरी
राज्य के 9 प्रमुख बांधों के सुधार कार्यों के लिए केंद्र सरकार से 522.22 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी मिली। इसमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, सोंढूर और रविशंकर सागर परियोजना जैसे प्रमुख जलाशय शामिल हैं।
कैबिनेट के इन फैसलों से न केवल प्रशासनिक सुधार होंगे, बल्कि विकास और सुशासन को भी मजबूती मिलेगी।