म्यांमार में 28 मार्च की सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन समेत 5 देशों में महसूस किए गए। सबसे ज्यादा असर म्यांमार और थाईलैंड में हुआ। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, मृतकों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है।
“कुछ ही सेकंड में समझ आया कि ये भूकंप है”
सुखनिदान सिंह, जो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से 800 किमी नॉर्थ में चियानमई सिटी में रहते हैं, ने बताया, “मैं लंच करने घर आया था। तभी मेरा सिर घूमने लगा, लगा जैसे चक्कर आ रहा है। कुछ ही सेकंड में समझ आ गया कि ये भूकंप है। बिल्डिंग हिल रही थी। मैं थर्ड फ्लोर से तुरंत नीचे भागा। हमारे इलाके में भूकंप की तीव्रता 5 थी। झटके इतने तेज थे कि वो वाकई भयानक अनुभव था।”
सुखनिदान ने बताया कि वह भूकंप के बाद घर के पास एक पार्क में बैठ गए, जहां बिल्डिंग के बाकी लोगों को भी रुकने के लिए कहा गया था।
“बिल्डिंग क्रैक हो गई, मैं सीढ़ियों पर गिर गया”
उन्होंने आगे कहा, “बिल्डिंग में मौजूद हर किसी के चेहरे पर भूकंप के बाद का डर देखा जा सकता था। नीचे से भागते हुए बिल्डिंग क्रैक होने और टूटने-फूटने की आवाजें आ रही थीं। ऐसा लग रहा था कि बिल्डिंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मैं इतना डर गया कि भागते हुए सीढ़ियों पर गिर गया।”
स्थानीय प्रशासन ने सभी को चेतावनी दी कि वे बिल्डिंग के अंदर वापस न जाएं, क्योंकि आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं।
“इमारतें हिल रहीं थीं, एक तो आंखों के सामने गिर गई”
आयमान नासिर, जो पिछले 28 साल से बैंकॉक में रह रहे हैं और ज्वैलरी के कारोबार से जुड़े हैं, ने बताया, “मैं मस्जिद में था, तभी लगा कि कुछ हिल रहा है। रोज़े चल रहे हैं, तो मुझे लगा कि ये कमजोरी की वजह से हो रहा है। लेकिन जैसे ही झटके तेज हुए, समझ आ गया कि ये भूकंप है।”
“मस्जिद के बाहर निकला तो देखा ऊंची-ऊंची इमारतें हिल रही थीं। एक बिल्डिंग मेरी आंखों के सामने धराशायी हो गई। पास ही मौजूद एक बिल्डिंग के टॉप फ्लोर से पूल का पानी छलक रहा था। ये सब करीब 5 मिनट तक चला।”
भूकंप के बाद आयमान बैंकॉक के लटसन और सेंट लुईस हॉस्पिटल पहुंचे, जहां डर की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट सभी मरीजों को बाहर निकाला जा रहा था। हॉस्पिटल स्टाफ और मरीजों में खौफ का माहौल था।
“बैंकॉक भूकंप के लिए तैयार नहीं, ये हमारा पहला अनुभव”
पत्रलेखा, जो दिल्ली से हैं और अभी अपने पार्टनर के साथ बैंकॉक में रह रही हैं, ने बताया, “भूकंप के समय मैं घर पर अकेली थी। दोपहर करीब 1 बजे कुछ हिलने जैसा महसूस हुआ। मुझे चक्कर आने की समस्या है, तो लगा कि ये उसी की वजह से है। लेकिन जैसे ही झटके तेज हुए, मुझे यकीन हो गया कि ये भूकंप ही है।”
“पिछले कई साल से यहां कभी भूकंप नहीं आया। न ही ये कोई सीस्मिक जोन है, जहां भूकंप की आशंका हो। इसलिए मुझे यकीन नहीं हो रहा था। शायद इसीलिए थाईलैंड में भूकंप से निपटने के लिए कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। झटके तेज हुए तो मैं चल भी नहीं पा रही थी। दीवार का सहारा लेते हुए ग्राउंड फ्लोर तक पहुंची।”
मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है, म्यांमार और थाईलैंड में इमरजेंसी
रॉयटर्स के मुताबिक म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा है कि मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो गई है, जबकि 2,300 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं, बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई।
भूकंप के कारण बैंकॉक में कई दफ्तर और दुकानें बंद हो गईं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री की पहली खेप ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भेजी है। चीन भी म्यांमार को 115 करोड़ रुपए की मानवीय सहायता देगा।