रायपुर में बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार: मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म, पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले— “सपने में बंदर दिखे तो समझो बालाजी की सेना आ गई”
मुस्लिम परिवार ने अपनाया हिंदू धर्म, पूर्वजों के अपनाएं ईसाई धर्म को छोड़कर हिंदू भाई ने परिवार सहित की घर वापसी
रायपुर, 7 अक्टूबर 2025 | रिपोर्ट – टीम न्यूज़ सीजी
रायपुर के अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड, गुढ़ियारी में चल रही बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्री हनुमंत कथा का तीसरा दिन भक्तिभाव और चमत्कारों से भरपूर रहा। कथा के दौरान धार्मिक रूपांतरण, भावनात्मक घर वापसी और सामाजिक सौहार्द्र के कई उदाहरण देखने को मिले।
🕉️ पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य संदेश
कथा के आरंभ में पं. शास्त्री ने कहा —
“अगर किसी को सपने में लगातार दो दिन बंदर दिखाई दें, तो समझ लेना कि बालाजी की सेना आ चुकी है और तुम्हारी अर्जी लग गई है। अब हनुमान जी तुम्हारा कार्य करेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के बाद लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
शास्त्री जी ने यह भी घोषणा की कि तीन वर्ष बाद फिर से बालाजी सरकार का दो दिन का दिव्य दरबार लगेगा, जबकि आज (मंगलवार) को प्रेत राज सरकार का दिव्य दरबार आयोजित होगा।
🙏 मुस्लिम परिवार ने अपनाया सनातन धर्म
मुर्रा भट्टी निवासी सलाम ने आज मंच पर सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे पहले से ही पूजा-पाठ करते थे लेकिन परिवार की आपत्तियों के कारण खुलकर नहीं कर पाते थे। अब उन्होंने श्रद्धा से घर वापसी करने का निर्णय लिया।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें गंगाजल पिलाया, तिलक लगाया और कहा —
“आज से तुम्हारा नाम सलमान नहीं, राजवीर होगा। तुम्हारा सनातन धर्म में स्वागत है।”
🕉️ ओडिया समाज और ईसाई परिवार की घर वापसी
कथा स्थल पर ओडिया समाज की बिन्दु बाई और श्रीमती निर्मला ने भी अपने परिवार के साथ ईसाई धर्म छोड़कर पुनः हिंदू धर्म अपनाया।
पं. शास्त्री ने उनसे कहा —
“आप अपनी इच्छा से घर वापसी कर रही हैं, यह हनुमान जी की प्रेरणा है। अब रोज पूजा-पाठ करना और अपने आराध्य का स्मरण करना।”
इस दौरान पूरे पंडाल में “जय श्री राम” और “बजरंग बली की जय” के नारे गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने तिलक व गंगाजल से नव-दीक्षितों का स्वागत किया।
🎶 छत्तीसगढ़ी कलाकारों का सम्मान
तीसरे दिन के दिव्य दरबार में लोक कलाकार दिलीप षडंगी, कांता सरण, और अरु साहू ने अपनी प्रस्तुतियों से भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
षडंगी ने छत्तीसगढ़ी में कहा —
“ये मोर जीवन के सबसे बड़े सौभाग्य के घड़ी आय। अइसे लागिस साक्षात भगवान ह अवतार धरके आए हे।”
कथा के अंत में आयोजक बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) एवं पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीनों कलाकारों का शॉल, श्रीफल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया।
🌸 मंच पर उपस्थित रहे जनप्रतिनिधि
इस अवसर पर परिवहन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, साजा विधायक ईश्वर साहू, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय, युवा समाजसेवी चंदन–बसंत अग्रवाल, और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
📺 फेसबुक-यूट्यूब पर रिकॉर्ड दर्शक
कथा समाप्ति के बाद रात 9:30 बजे पं. शास्त्री अपने ऑफिशियल फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर लाइव होंगे। अब तक लगभग 1 करोड़ 6 लाख दर्शक यूट्यूब पर और 1 करोड़ से अधिक फेसबुक पर उनसे जुड़ चुके हैं।
🔮 प्रेत राज सरकार का दरबार आज
पं. शास्त्री ने घोषणा की कि मंगलवार को दोपहर 12 बजे से प्रेत राज सरकार का दिव्य दरबार लगेगा। उन्होंने कहा —
“रायपुर वही भूमि है जहां बजरंग बली का झंडा ऐसा गड़ा कि धर्म विरोधियों की ठटरी बंध गई थी। अब फिर वही दिव्य क्षण लौटे हैं।”
📰 निष्कर्ष
रायपुर का बागेश्वर धाम कथा स्थल इन दिनों आस्था, अध्यात्म और सामाजिक सद्भाव का संगम बना हुआ है। भक्तों के लिए यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव बन गया है, जो सनातन संस्कृति और श्रद्धा की शक्ति का प्रतीक है।

