2013-14 में जब बड़े भाई ने विदेश जाने का प्रस्ताव दिया, तब भी कौशल कुमार के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। मां की बीमारी के कारण उन्हें परिवार के साथ रहना पड़ा, और विदेश जाने का ख्वाब उन्होंने छोड़ दिया। खेती में रुचि रखते हुए, उन्होंने लाखों की लागत से एक गुड़ की फैक्ट्री खोली, जो आज 100 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रही है।
गुरदासपुर जिले के सलोपुर से ताल्लुक रखने वाले कौशल का मानना था कि यदि वे खुद उत्पाद बनाएंगे, तो अधिक मुनाफा होगा। गन्ने की खेती करते हुए, उन्होंने 2016 में गुड़ बनाने की शुरुआत की। शुरुआत में 12 लाख रुपये का गुड़ बेचा, और आज उनकी फैक्ट्री में महिलाओं द्वारा पैकेजिंग का काम किया जा रहा है।
कौशल के साथ उनकी बिजनेस पार्टनर नवनूर कौर हैं, जो मार्केटिंग और ब्रांडिंग देखती हैं। उनकी फैक्ट्री में गुड़ की कई वैरायटी बनती हैं, जो न केवल डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी हैं, बल्कि बच्चों के लिए भी स्वादिष्ट हैं। ऑनलाइन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करते हुए, उनका सालाना टर्नओवर अब 7-8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।