प्रयागराज संगम तट पर भगदड़, 14 की मौत, 50 से ज्यादा घायल

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 1:30 बजे भगदड़ मच गई। इस हादसे में 14 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। स्वरूपरानी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए 14 शव लाए जाने की पुष्टि हुई है, हालांकि प्रशासन ने अभी तक मौतों या घायलों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।

सीएम योगी की अपील, राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि लोग संगम पर ही स्नान करने की न सोचें, गंगा हर जगह पवित्र है, जहां हैं वहीं स्नान करें। दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार की अव्यवस्था और वीआईपी कल्चर को भगदड़ का कारण बताया है।

भगदड़ की दो बड़ी वजहें

  1. अमृत स्नान के कारण बंद पांटून पुल – अमृत स्नान की वजह से कई पांटून पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे संगम तट पर भीड़ अनियंत्रित हो गई। बैरिकेड्स में फंसकर कुछ श्रद्धालु गिर पड़े और अफवाह के चलते भगदड़ मच गई।
  2. एंट्री और एग्जिट का सही इंतजाम नहीं – संगम नोज पर प्रवेश और निकास के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से लौट रहे थे। भगदड़ मचने पर लोग भाग नहीं सके और एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।

70 से ज्यादा एम्बुलेंस, NSG ने संभाली स्थिति

घटना के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस मौके पर पहुंचीं और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हालात काबू में करने के लिए NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम श्रद्धालुओं की एंट्री बंद कर दी गई है। साथ ही, प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने के लिए प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।

मौनी अमावस्या स्नान में 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना

आज महाकुंभ में मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते शहर में करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के अनुसार, संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ लोग देर रात तक डुबकी लगा सकते हैं।

इससे पहले मंगलवार को करीब 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूरे शहर में 60,000 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं।

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