15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन से संबंधित एक बड़ी घटना घटी, जिसमें भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह हादसा उस समय हुआ जब पहली प्रयागराज स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर-15 से करीब शाम 7 बजे निकली थी। इसके बाद रात वाली प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए अनाउंसमेंट किया गया कि वह प्लेटफॉर्म नंबर-12 पर आएगी, लेकिन फिर अचानक घोषणा हुई कि वह प्लेटफॉर्म नंबर-16 पर आ रही है। इसके बाद लोग उस प्लेटफॉर्म की ओर दौड़े और भगदड़ मच गई।
यह घटना नई दिल्ली स्टेशन पर स्टॉल लगाने वाले दिगंबर मंडल की आंखों के सामने घटी। दिगंबर पिछले 12 साल से प्लेटफॉर्म नंबर-14 और 15 पर स्टॉल लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि हादसा महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के बीच हुआ।
रेलवे प्रशासन की ओर से जिम्मेदारी: रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह घटना जरूरत से ज्यादा भीड़ के कारण हुई है। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है और हादसे के समय ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर से लेकर अनाउंसर तक सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का मानना है कि यह भगदड़ रेलवे प्रशासन की गलती से हुई। RPF अधिकारियों का कहना है कि रोज़ जैसी ही भीड़ थी और रेलवे की ऑपरेशन यूनिट को यह तय करना चाहिए था कि ट्रेन किस प्लेटफॉर्म से और किस समय निकलेगी।
घटना के समय प्लेटफॉर्म पर स्थिति: नई दिल्ली स्टेशन पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के लिए कोई तय प्लेटफॉर्म नहीं था। रोज़ की प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर-14 से निकलती है, लेकिन स्पेशल ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलता रहता है। 15 फरवरी को पहली स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर-15 से शाम 7 बजे चली थी, लेकिन अगले घंटे के भीतर यह ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर-12 से प्लेटफॉर्म नंबर-16 तक बदलने की घोषणा की गई। इस दौरान फुटओवर ब्रिज पर भीड़ इतनी अधिक थी कि रास्ता जाम हो गया। इसके चलते लोग बचने के लिए प्लेटफॉर्म 14-15 की सीढ़ियों से उतरने लगे और इस दौरान भगदड़ मच गई।
यात्रियों के बयान: घटना के समय स्टेशन पर मौजूद यात्रियों का कहना है कि अचानक इतनी भीड़ कहां से आ गई, किसी को पता नहीं चला। हादसे के बाद ही पुलिस और रेलवे कर्मचारी सक्रिय हुए और शवों तथा घायलों को अस्पताल भेजा गया। यात्रियों का कहना था कि हादसे के वक्त स्टेशन पर कोई व्यवस्था बनाने वाला कर्मचारी नहीं था।
रेलवे का जवाब और जांच: रेलवे ने हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाई है, जो सभी CCTV फुटेज की जांच करेगी। दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है और DCP रैंक के अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
मृतकों के परिवारों के लिए सहायता: रेलवे ने हादसे में मारे गए 18 लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2.5 लाख रुपये और मामूली घायल यात्रियों को 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
महाकुंभ जाने वाली ट्रेनों में बदलाव: हादसे के बाद रेलवे ने महाकुंभ के श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए 17 फरवरी से 5 और स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इसके अलावा, रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक अनाउंसमेंट का पालन करें।
नए नियम और बदलाव: अब प्रयागराज जाने वाली सभी स्पेशल ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर-16 से जाएंगी। इसके साथ ही यात्रियों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अजमेरी गेट से प्रवेश और निकासी करनी होगी। अन्य नियमित ट्रेनें अपने निर्धारित प्लेटफॉर्म से चलेंगी।