सक्ति पावर प्लांट हादसा: आरकेएम पावर प्लांट में लिफ्ट गिरने से 3 मजदूरों की मौत, 7 घायल

छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के डभरा क्षेत्र में स्थित आरकेएम (RKM) पावर प्लांट में 8 अक्टूबर 2025 की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ। प्लांट में काम करने वाले मजदूरों को लेकर जा रही एक लिफ्ट अचानक गिर गई, जिससे मौके पर ही अफरा-तफरी मच गई।
इस हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सात अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है।

कैसे हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब मजदूर लिफ्ट के ज़रिए ऊँचाई पर बने निर्माण स्थल पर जा रहे थे
लिफ्ट में करीब 10 मजदूर सवार थे, जो लगभग 40 मीटर की ऊँचाई तक पहुँच चुके थे। तभी लिफ्ट का स्टील वायर (केबल) अचानक टूट गया, जिससे पूरी लिफ्ट नीचे ज़मीन पर आ गिरी।

गिरावट इतनी भीषण थी कि लिफ्ट के धातु के हिस्से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और मजदूर उसके नीचे दब गए।
प्लांट के सुरक्षा कर्मियों और अन्य कर्मचारियों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस और प्रशासन को भी तत्काल सूचित किया गया।

मृतक और घायल मजदूरों की पहचान

मृत मजदूरों की पहचान इस प्रकार हुई है:

  1. अंजनी कुमार — बिहार निवासी
  2. मिश्रीलाल — झारखंड निवासी
  3. रविंद्र कुमार — उत्तर प्रदेश निवासी

घायलों में शामिल मजदूर हैं:

  • बबलू प्रसाद गुप्ता
  • राम सिंह
  • विजय सिंह
  • संजय कुमार
  • राम केश
  • रतन
  • बलराम

इन सभी को गंभीर चोटें आई हैं और इन्हें फोर्टिस जिंदल अस्पताल, रायगढ़ में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि दो मजदूरों की स्थिति अत्यंत गंभीर है।

प्लांट प्रबंधन की प्रतिक्रिया

हादसे के बाद आरकेएम पावर प्लांट के प्रबंधन ने बयान जारी किया है।
उन्होंने कहा कि “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना है, और हम सभी घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाएंगे। साथ ही मृतक मजदूरों के परिजनों को उचित मुआवज़ा दिया जाएगा।”

प्रबंधन ने यह भी कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है, जो यह जांच करेगी कि आखिर लिफ्ट गिरने का कारण क्या था —
क्या यह तकनीकी खराबी, मेंटेनेंस की लापरवाही, या सुरक्षा मानकों की अनदेखी थी।

प्रशासनिक कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस बल, और जिला कलेक्टर मौके पर पहुंचे।
एसडीएम डभरा और तहसीलदार ने भी घटनास्थल का दौरा किया और बचाव कार्य का निरीक्षण किया।

  • सभी घायल मजदूरों को तत्काल एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
  • मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
  • प्रशासन ने मजदूरों के परिवारों से संपर्क कर सहायता राशि प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सुरक्षा मानकों पर सवाल

यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या औद्योगिक इकाइयों में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं?
प्लांट में रोजाना सैकड़ों मजदूर कार्यरत रहते हैं, जिनकी सुरक्षा कंपनी की जिम्मेदारी होती है।
अगर लिफ्ट की नियमित जांच और रखरखाव समय पर होता, तो संभवतः यह दुर्घटना टल सकती थी।

मजदूर संघों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि “प्रबंधन की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान गई है।”
उन्होंने मांग की है कि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवज़ा दिया जाए।

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

घटना की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों ने दुख और गुस्सा दोनों जताया।
कई लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर इतनी बड़ी इंडस्ट्री में सुरक्षा मानक इतने कमजोर कैसे हो सकते हैं।
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सभी पावर प्लांट्स और फैक्ट्रियों की सुरक्षा जांच तत्काल कराई जाए।

संभावित कारण और जांच

प्रारंभिक जांच में जो बिंदु सामने आए हैं, वे हैं:

  • लिफ्ट का मेंटेनेंस शेड्यूल पूरा नहीं किया गया था।
  • ओवरलोडिंग की संभावना से भी इंकार नहीं किया गया है।
  • कुछ मजदूरों ने बताया कि “लिफ्ट से पहले भी अजीब आवाजें आ रही थीं,” लेकिन प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया।

जांच अधिकारी इन सभी पहलुओं की तकनीकी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसके बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट होगा।

निष्कर्ष

यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।
औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा को लेकर प्रत्येक स्तर पर सख्ती जरूरी है।
हर मशीन, लिफ्ट, और उपकरण का समय-समय पर निरीक्षण व रखरखाव अनिवार्य होना चाहिए।
मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दिए बिना “विकास” अधूरा है।