छत्तीसगढ़ में आज से रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल: घर बैठे 10 नई सुविधाएं होंगी उपलब्ध

छत्तीसगढ़ सरकार ने आज से रजिस्ट्री से जुड़ी 10 नई तकनीकी सुविधाओं की शुरुआत की है। पंजीयन विभाग द्वारा यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने, फर्जीवाड़ा रोकने और दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इन सुविधाओं का शुभारंभ करेंगे।

नई प्रणाली में रजिस्ट्री प्रक्रिया को पेपरलेस, आसान और सुरक्षित बनाया गया है। आम नागरिक अब घर बैठे संपत्ति की रजिस्ट्री समेत उससे जुड़े दस्तावेजों की जांच, प्रमाणपत्र प्राप्ति और भुगतान कर सकेंगे।

ये हैं शुरू की गईं 10 मुख्य सुविधाएं:

1. आधार आधारित प्रमाणीकरण:
अब रजिस्ट्री के दौरान पक्षकार की पहचान दो गवाहों के बजाय बायोमेट्रिक और आधार डेटा के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना घटेगी।

2. ऑनलाइन सर्च और डाउनलोड:
कोई भी पक्षकार खसरा नंबर के आधार पर संपत्ति से जुड़ी पिछली रजिस्ट्रियों की जानकारी ऑनलाइन सर्च कर सकेगा और उनकी कॉपी डाउनलोड कर सकेगा।

3. भारमुक्त प्रमाण पत्र:
अब संपत्ति पर बंधक, लोन या अन्य कानूनी भार है या नहीं, यह जानकारी ऑनलाइन प्रमाणपत्र के रूप में मिल सकेगी।

4. कैशलेस पेमेंट सिस्टम:
पंजीयन शुल्क का भुगतान अब क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या UPI से किया जा सकेगा। स्टाम्प ड्यूटी और फीस का एकीकृत भुगतान भी संभव होगा।

5. वॉट्सऐप नोटिफिकेशन:
स्लॉट बुकिंग से लेकर रजिस्ट्री की स्थिति तक की जानकारी अब रियल-टाइम में वॉट्सऐप के ज़रिए मिलेगी।

6. डिजी-लॉकर इंटीग्रेशन:
रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजी-लॉकर से लिंक किया गया है, जिससे जरूरत पड़ने पर आसानी से डिजिटल कॉपी एक्सेस की जा सकेगी।

7. ऑटो डीड जनरेशन:
अब विलेख का प्रारूप ऑनलाइन ही तैयार होगा और पूरी प्रक्रिया पेपरलेस होगी। डीड राइटर या स्टांप वेंडर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।

8. डिजी-डॉक्यूमेंट सुविधा:
शपथ पत्र और अनुबंध जैसे नॉन-पंजीयन दस्तावेज अब डिजिटल स्टाम्प के साथ ऑनलाइन ही तैयार किए जा सकेंगे।

9. घर बैठे रजिस्ट्री:
होम विजिट के ज़रिए रजिस्ट्री की सुविधा शुरू की गई है, जिसमें पारिवारिक मामलों (दान, हक त्याग आदि) में केवल ₹500 फीस तय की गई है।

10. खुद से नामांतरण की सुविधा:
अब रजिस्ट्री के तुरंत बाद संपत्ति का नामांतरण खुद ही ऑनलाइन राजस्व विभाग में दर्ज हो जाएगा। इससे महीनों की देरी और बिचौलियों से राहत मिलेगी।

केवल कुछ राज्यों में है यह सुविधा

यह सुविधा अभी देशभर में केवल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में ही लागू है। छत्तीसगढ़ अब इन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है।

नागरिकों को मिलेंगी बड़ी राहत

इस डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम से न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि आम नागरिकों को कानूनी झंझटों और दलालों से भी मुक्ति मिलेगी। यह पहल संपत्ति खरीद-बिक्री को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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