रायपुर में अलग-अलग विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देकर 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के मामले में एक और आरोपी दीपेश नवरंग को गिरफ्तार किया गया है। प्रार्थिया अंजना गहिरवार ने 29 जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें उन्होंने बताया कि फरवरी 2021 में वह अपने परिवार के साथ मौसा-मौसी देवेन्द्र जोशी और झगीता जोशी के घर आई थी। बातचीत के दौरान देवेन्द्र जोशी और उनकी पत्नी ने दावा किया कि उनके पास शासन के बड़े अधिकारियों से जान पहचान है, जो सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करते हैं। इस झांसे में अंजना गहिरवार, गजेन्द्र लहरे, कुणाल देव, भुनेश्वर सोनवानी और अन्य से 25-25 लाख रुपये लेकर नौकरी का वादा किया गया, लेकिन आखिरकार उन्हें नौकरी नहीं दिलाई गई और ठगी की गई।
प्रार्थिया की शिकायत पर थाना सिविल लाइन में अपराध क्रमांक 54/2025 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। इस मामले में पहले ही आरोपियों देवेन्द्र जोशी, झगीता जोशी, स्वप्निल दुबे, नफीज आलम, हलधर बेहरा, सोमेश दुबे और कपिल देशलहरे को गिरफ्तार किया जा चुका था।
विवेचना के दौरान आरोपियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि दीपेश नवरंग और अन्य के साथ मिलकर शासकीय विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अब तक करीब 65 बेरोजगारों से 5 करोड़ रुपये से अधिक ठगने का काम किया गया। इस पर आरोपी दीपेश नवरंग की तलाश शुरू की गई और पुलिस टीम ने मुखबिरों की मदद से आरोपी की लोकेशन का पता लगाना शुरू किया।
आखिरकार, पुलिस टीम को आरोपी दीपेश नवरंग के ठिकाने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली, और उसे थाना पथरिया की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह इस ठगी की तकनीकी टीम का हिस्सा था और मंत्रालय में जब उम्मीदवार आते थे, तो उन्हें ऊपर तक पहुंचाने, अन्य टीम से मिलाने, निगरानी रखने और फर्जी ईमेल आईडी बनाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजने का काम करता था।
गिरफ्तार आरोपी दीपेश नवरंग, पिता सुनील नवरंग, उम्र 21 साल, ग्राम गोईंदा, थाना पथरिया, जिला मुंगेली का रहने वाला है। अब मामले में दस्तावेजों की संकलन की जा रही है और अन्य आरोपियों के संलिप्तता की जांच की जा रही है।