रेल्वे की अव्यवस्था : सायरन के भरोसे ज़िंदगी से खेल रहा रेल और कोल इंडिया

कोरबा से रमेश शर्मा की रिपोर्ट

कोरबा । भारतीय रेल्वे देश की सबसे बृहद सार्वजनिक परिवहन सेवा हैं, जिसमें लगातार सुविधाओं का आभाव देखने को मिलता है।
इसी कड़ी में कोरबा जिले कुसमुंडा एसईसीएल क्षेत्र में बिना बैरियर के मानव रहित रेलवे क्रासिंग हैं। कुसमुंडा क्षेत्र से गेवरा दीपिका खदान जाने का रास्ता है जिसपर खदान में कार्यरत लोगों का दिनभर आवागमन रहता है।
भारत का सबसे बड़ा कोयला खदान गेवरा है, एनटीपीसी सीपत से हमेशा कोयला ले जाने के बिना बेरियल की पटरी पर दौड़ते रहती है। खदान से वापस कोयला भर कर उसी रास्ते पर क्षमता से अधिक कोयला लाया जाता है। मालगाड़ी से जो कोयला पटरी के आसपास गिरता है उसे मजदूर लोग कलेक्ट करने अपनी जान जोखिम लगाते दिखाई देते है । बिना बैरियर के इस क्रासिंग में ज्यादा दुर्घटना होने की वजह से मात्र एक सायरन कुछ दिनों पहले ही लगा है।

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