नाबालिक को गर्भवती समझकर ताने देते रहे लोग, फिर अचानक हुआ बडा खुलासा…
लखनऊ, 24 अगस्त 2022: ये 17 साल की प्रतापगढ़ की एक लड़की की कहानी है इस लड़की को 11 महीने तक लोग गर्भवती समझकर ताने देते रहे। घर से निकलना मुश्किल हो गया। 17 साल की बड़ी बेटी के पेट में दर्द शुरू हुआ। लड़की पीड़ा में कराहती रही और लोग उसे गर्भवती समझते रहे। लड़की का पेट फूल गया था। लड़की को लेकर उसकी मां डॉक्टरों के यहां खूब दौड़ी लेकिन इलाज के लिए उनकी मांग को पूरा नहीं कर सकी, तो केजीएमयू लखनऊ आने तक पता ही नहीं चला कि लड़की गर्भवती नहीं बल्कि उसके पेट में ट्यूमर है। जांच और इलाज के अभाव में वह घर पर ही पड़ी रही। इस बीच लोग उसे खूब ताने देते रहे। धीरे-धीरे एक-दो नहीं 11 महीने बीत गए। लड़की के गर्भवती होने का शक खत्म हो गया।
उधर, लड़की की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने किशोरी को जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने लड़की को प्रयागराज भेज दिया। डॉक्टरों ने इलाज पर डेढ़ लाख रुपये का खर्च बताया। गरीब परिवारीजनों ने इतनी बड़ी रकम देने में खुद को असमर्थ बताया तो डॉक्टरों ने लड़की को केजीएमयू भेज दिया। जांच से पता चला कि लड़की के पेट में 15 किलो का ट्यूमर है। केजीएमयू प्रशासन ने सारी जांच, भर्ती शुल्क माफ कर दिया। केजीएमयू के डॉ. सुरेश ने ऑपरेशन का फैसला किया। 11 अगस्त को ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाला गया। ऑपरेशन के बाद किशोरी पूरी तरह से सेहतमंद है।डॉ. सुरेश ने डिस्चार्ज के बाद युवती को घर तक जाने का किराया और भोजन आदि के लिए भी मदद की। डिस्चार्ज के बाद लड़की ने फिर से पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की है। लड़की की मां चाहती है कि उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।