रायपुर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि मरीज की बाईपास सर्जरी के बाद उसे होश नहीं आया, और अस्पताल द्वारा इलाज की कोई सही जानकारी भी नहीं दी गई।
मृतक मरीज रफीक रिजवी के बेटे शब्बीर रिजवी ने बताया कि उन्हें पहले यह सलाह दी गई थी कि डॉ. वसीम खान से ऑपरेशन न करवाएं, लेकिन अस्पताल का नाम बड़ा होने के कारण उन्होंने इलाज करवाने का निर्णय लिया। शब्बीर का कहना है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उनके पिता के पैर में डॉप्लर डालकर उसे पंचर किया, जिसके बाद उनके पिता के पैरों की नसों में खून का प्रवाह रुक गया। यह बात डॉक्टरों ने परिवार को नहीं बताई और मरीज को ICU में लावारिस छोड़ दिया।
शब्बीर ने आगे बताया कि जब उन्होंने दूसरे डॉक्टरों से पिता के पैरों की तस्वीर दिखाई, तो उन्होंने बताया कि पैरों में सीरियस गैंगरीन हो गई थी। लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों ने इस बारे में उनसे कुछ नहीं कहा और पहले कहा कि वे पैर के टिशू को ठीक कर रहे हैं। बाद में बताया गया कि पैर के कारण पूरे शरीर में जहर फैल चुका है और उसे काटना पड़ेगा। अंततः डॉक्टरों ने उनके पिता का पैर काट दिया।
इसके बाद, डॉक्टरों ने कहा कि मरीज की किडनी फेल हो गई है और ट्रांसप्लांट की जरूरत है, लेकिन फिर बताया गया कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। शब्बीर का आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के नाम पर उनसे 10 लाख रुपये लिए और फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, जिसके कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई। उन्होंने डॉक्टरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और मामले को हाईकोर्ट तक ले जाने की बात की है।
अस्पताल प्रबंधन का पक्ष
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, अस्पताल के PRO रवि भगत ने कहा कि मरीज को हार्ट की समस्या थी और बाईपास सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इलाज के दौरान मरीज और उसके परिजनों से समय-समय पर काउंसलिंग की गई और सभी जरूरी जानकारी दी गई थी। रवि भगत ने बताया कि इलाज की शुरुआत में ही परिजनों को यह बताया गया था कि मरीज की बॉडी इनफेक्टेड है और किडनी में भी समस्या है, जिससे मल्टी ऑर्गन फेल्योर की स्थिति पैदा हो रही थी।
रवि भगत ने यह भी कहा कि जब मरीज की स्थिति बिगड़ी और उसकी मौत हो गई, तो परिजनों और डॉक्टरों के बीच पुलिस के सामने बातचीत करवाई गई। उन्होंने कहा कि परिजनों के जो सवाल थे, उन सभी का डॉक्टरों ने जवाब दिया और पूरा इलाज सही तरीके से किया गया।