क्या है यूनिवर्सल पेंशन स्कीम?
केंद्र सरकार जल्द ही एक यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने की योजना बना रही है, जिसका लाभ सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी नागरिकों को मिलेगा। इस स्कीम में सरकारी नौकरी होना जरूरी नहीं है, यानी यह सभी के लिए खुली होगी, चाहे आप प्राइवेट जॉब करते हों, दुकान चलाते हों या मजदूरी करते हों।
बुजुर्ग आबादी का बढ़ता संकट और पेंशन का महत्व
2036 तक भारत की 60 साल से ज्यादा उम्र की बुजुर्ग आबादी 22.7 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह संख्या बढ़कर 2050 तक 34.7 करोड़ हो सकती है। ऐसे में बहुत से लोग बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा से वंचित हो सकते हैं, और इन्हें पेंशन योजना से जोड़ने के लिए सरकार यह स्कीम लाने जा रही है।
कौन उठा सकेगा इस स्कीम का फायदा?
इस यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का फायदा 18 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति उठा सकता है, जो 60 साल के बाद पेंशन प्राप्त करना चाहता है। खासतौर पर इस स्कीम का फोकस तीन प्रमुख समूहों पर होगा—असंगठित क्षेत्र के लोग, व्यापारी, और स्व-नियोजित (सेल्फ एम्प्लॉयड) लोग, जिनके लिए अभी तक पेंशन के बहुत सीमित विकल्प हैं।
EPFO को ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस स्कीम का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को दी है। इस कदम से सरकार का उद्देश्य अधिकतम नागरिकों को बुढ़ापे में सुरक्षित भविष्य प्रदान करना है।
केंद्र सरकार की यह पहल देश की बढ़ती बुजुर्ग आबादी को ध्यान में रखते हुए है, ताकि हर व्यक्ति को बुढ़ापे में एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल सके।