मीनल चौबे ने महापौर पद की शपथ ली, अफसरों से सख्त कदम उठाने की दी चेतावनी
रायपुर: गुरुवार को निगम में ऐतिहासिक जीत के बाद राजधानी की नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे ने शपथ ली। इस भव्य समारोह में पांच हजार की क्षमता वाले सरदार बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में भारी भीड़ उमड़ी, जहां मीनल चौबे ने शपथ लेने के बाद जयश्रीराम के नारे लगाए, तो पूरा स्टेडियम गूंज उठा।
पार्षदों की शपथ और अफसरों से बैठक
शपथ ग्रहण के बाद 10-10 की संख्या में पार्षदों ने भी शपथ ली। मीनल चौबे 2 मार्च से अपना कार्यभार संभालेंगी, लेकिन उन्होंने शुक्रवार को ही सभी विभागों के अफसरों और जोन कमिश्नरों की बैठक बुला ली है। इस बैठक में वे शहर की बिगड़ी व्यवस्था, जैसे पानी, सफाई और ट्रैफिक सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने का संकेत दे चुकी हैं।

मीनल चौबे ने अफसरों से पूछा कि वे शहर की व्यवस्था सुधारने के लिए क्या कदम उठाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 साल से निगम में कांग्रेस का शासन था, अब भाजपा का शासन है, और इस बदलाव को अफसरों को समझना होगा। उनका कहना था कि यदि किसी विभाग में कोई गलती हुई तो डर होना चाहिए, क्योंकि यह सुधार के लिए जरूरी है।
20 साल बाद भाजपा को मिली जीत
2004 में पूर्व महापौर सुनील सोनी के शपथ ग्रहण के 20 साल बाद भाजपा को यह मौका मिला है। इस अवसर पर समारोह को भव्य बनाया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, मंत्रीमंडल के सभी सदस्य, रायपुर के चारों विधायक, पूर्व विधायक और पूर्व महापौर समारोह में शामिल हुए।
पहली बैठक और सुधार की दिशा
महापौर मीनल चौबे ने अफसरों से कहा कि वे शुक्रवार दोपहर 12 बजे निगम मुख्यालय में सभी जोन कमिश्नरों और इंजीनियरों को बैठक के लिए बुलाएं। उनके द्वारा यह भी कहा गया कि वे सोमवार को अपने कक्ष (महापौर चैंबर) में पूजा-अर्चना करने के बाद बैठेंगी। कक्ष में सुधार कार्य चल रहे हैं, जो 2-3 दिनों में पूरा हो जाएंगे।
एमआईसी का गठन और सभापति चुनाव
जल्द ही एमआईसी का गठन किया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर डा. गौरव कुमार सिंह निगम का पहला सम्मेलन बुलाएंगे, जिसमें सभी निर्वाचित पार्षद सभापति का चुनाव करेंगे। भाजपा के पास 60 पार्षद होने के कारण सभापति भाजपा का ही बनने की संभावना है। अगर कांग्रेस की ओर से सभापति के लिए कोई नामांकन होता है, तो वोटिंग की स्थिति बन सकती है।
