रायपुर में मेडिकल चमत्कार: अम्बेडकर अस्पताल ने महिला के हार्ट और फेफड़े से 5 किलो का कैंसरस ट्यूमर निकालकर रचा इतिहास
रायपुर: डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 52 वर्षीय महिला के हार्ट और फेफड़े से चिपका लगभग 5 किलोग्राम वजनी मेडिस्टाइनल ट्यूमर सफलतापूर्वक निकालकर सर्जन टीम ने मरीज की जान बचाई। इस जटिल सर्जरी की सफलता ने अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है।

कैसे हुआ जटिल ऑपरेशन?
महिला को सांस लेने में गंभीर तकलीफ के बाद अस्पताल लाया गया। जांच में पाया गया कि छाती के अंदर मौजूद यह ट्यूमर इतना बड़ा था कि उसने हार्ट को अपनी जगह से हटा दिया और फेफड़ों व श्वसन नली पर दबाव डाल दिया। मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया क्योंकि वह सामान्य रूप से सांस नहीं ले पा रही थी।
अन्य संस्थानों ने इस जटिल सर्जरी को असंभव मानकर ऑपरेशन से मना कर दिया था। अम्बेडकर अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता और हार्ट व चेस्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम ने चुनौती स्वीकार की और सावधानीपूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान हार्ट-लंग मशीन स्टैंडबाय पर तैयार रखी गई थी, ताकि किसी आपात स्थिति में जीवनरक्षक सहायता दी जा सके।
ट्यूमर निकला कैंसरस
सर्जरी के बाद निकाले गए ट्यूमर का वजन करीब 5 किलोग्राम था। बायोप्सी में इसे मैलिग्नेंट ट्यूमर (सार्कोमा) पाया गया, जो एक दुर्लभ और खतरनाक प्रकार का कैंसर है। मरीज को अब कीमोथेरेपी के लिए कैंसर विभाग में भेज दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी बधाई
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सर्जरी की सफलता पर अस्पताल प्रबंधन और सर्जन टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की श्रेष्ठता का प्रतीक है। साथ ही, जल्द ही ओपन हार्ट सर्जरी और कोरोनरी बायपास सर्जरी की सुविधाएं भी अंबेडकर अस्पताल में शुरू की जाएंगी।
मरीज की हालत में सुधार
सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति स्थिर है और उसे स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस ऑपरेशन ने न केवल महिला को नया जीवन दिया, बल्कि प्रदेश में जटिल सर्जरी के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
