बरेली: यूपी के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शमी ने रमजान के दौरान रोजा नहीं रखा, जो शरीयत के अनुसार गुनाह है। उनका कहना था कि शमी ने ऐसा करके मुजरिम की तरह काम किया। मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान शमी को ग्राउंड पर एनर्जी ड्रिंक पीते देखा गया था, जिसके बाद मौलाना ने वीडियो जारी किया और शमी को अपने कृत्य पर माफी मांगने की बात की।
वहीं, शमी के चचेरे भाई मुमताज ने उनके बचाव में बयान दिया। उन्होंने कहा कि शमी देश के लिए खेल रहे हैं और उनके ऊपर इस तरह के आरोप लगाना शर्मनाक है।
भाजपा नेता मोहसिन रिजवी ने मौलाना रजवी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह मुद्दा इंसान और अल्लाह के बीच का है, और मुल्ला को इसमें बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि शमी ने राष्ट्रीय कर्तव्य निभाया और इस पर किसी को टिप्पणी करने का हक नहीं है।
कांग्रेस नेता अजय राय ने भी शमी के पक्ष में बयान दिया और कहा कि जो खिलाड़ी मैदान में कड़ी मेहनत कर रहा है, वह देश के लिए काम कर रहा है। उनका मानना है कि शमी के साथ पूरा देश खड़ा है।
शमी की क्रिकेट यात्रा में उल्लेखनीय सफलता रही है। 2023 वनडे वर्ल्ड कप फाइनल के बाद चोट के कारण वे 14 महीने तक क्रिकेट से बाहर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी-2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। वे टूर्नामेंट में 9 विकेट ले चुके हैं और भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अहम है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी, जो ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष हैं, एक इस्लामी विद्वान, लेखक और सोशल कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने इस्लामी इतिहास और धर्मशास्त्र पर कई किताबें लिखी हैं, और उनका यह बयान अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।