मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी में नायब सूबेदार राकेश कुमार का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। किश्तवाड़ जिले के सुदूर जंगल में छिपे आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के नायब सूबेदार (जेसीओ) राकेश कुमार शहिद हो गए, जबकि तीन अन्य जवान घायल हैं।
शहीद का पार्थिव शरीर को गांव पहुंचने पर शाहिद की 90 साल की मां ने बेटे की पार्थिव देह पर सीना चौड़ा कर खड़ी रहीं। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने पर मां अपने बेटे पर गर्व महसूस कर रही थी। घर से लेकर श्मशानघाट तक जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक राकेश कुमार का नाम रहेगा… के नारों से गूंज रहे थे। मंडी के वीर सपूत नायब सूबेदार राकेश कुमार के शहीद होने पर भी गमगीन परिवार ने दुख की घड़ी में भी देशभक्ति का जज्बा दिखाया |
घर के आंगन में पार्थिव शरीर को जैसे ही सैनिको ने नीचे उतारा तो शहीद नायब सूबेदार राकेश कुमार की पत्नी भानुप्रिया और बेटा प्रणव उससे लिपट गए और फूट-फूट कर रोने लगे। वही परिजनों ने राकेश कुमार के अंतिम दर्शन किए। इस दौरान मौजूद रिश्तेदार और हजारों ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान जनसैलाब भी उमड़ पड़ा। हजारों लोगों ने अपने वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। श्मशानघाट में सेना के जवानों ने बेटे प्रणव को तिरंगा सौंप सैल्यूट किया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज से सुबह करीब 9:00 बजे जांबाज नायब सूबेदार राकेश की पार्थिव देह को जीप में छम्यार पंचायत लाया गया। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में व्यापार मंडल के अलावा प्रशिक्षु डॉक्टरों ने बलिदानी राकेश कुमार की कुर्बानी को सैल्यूट किया। यहां से फूलों की बारिश के बीच उन्हें पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया।