छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में कवासी लखमा को 4 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले, 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था और 7 दिन की ईडी रिमांड पर रखा गया था। 21 जनवरी को रिमांड खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद 14 दिन की न्यायिक रिमांड दी गई।
जनता की लड़ाई लड़ने का दावा
जेल भेजे जाने के बाद लखमा ने मीडिया से कहा, “कितने भी साल जेल में रखें, 2 साल या 10 साल, लेकिन मैं जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा।”
ईडी का दावा: करोड़ों की अवैध कमाई
ईडी के वकील सौरभ पांडेय के मुताबिक, 2019 से 2022 तक चले शराब घोटाले में लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। तीन सालों में यह राशि 72 करोड़ रुपए तक पहुंची। यह रकम उनके बेटे हरीश कवासी के घर निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में खर्च की गई।
2100 करोड़ रुपए का घोटाला
ईडी की जांच के अनुसार, शराब सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई की, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
घोटाले में विदेशी शराब लाइसेंस (FL-10) का उपयोग
FL-10 (फॉरेन लिकर-10) लाइसेंस विदेशी शराब की खरीद, भंडारण और ट्रांसपोर्टेशन के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी किया जाता है।
- FL-10 A: अन्य राज्यों से विदेशी शराब खरीदने का अधिकार।
- FL-10 B: राज्य के निर्माताओं से विदेशी शराब खरीदने का अधिकार।
हालांकि, इन कंपनियों ने भंडारण और ट्रांसपोर्ट का कार्य नहीं किया और यह काम बेवरेज कॉर्पोरेशन को सौंप दिया गया।
घोटाले का तंत्र
- पार्ट-A कमीशन: सरकारी शराब खरीदी और बिक्री के हर केस पर डिस्टिलर्स से कमीशन।
- पार्ट-B कच्ची शराब बिक्री: बिना हिसाब-किताब के देसी शराब बेचना, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
- पार्ट-C कमीशन: विदेशी शराब निर्माताओं से बाजार में हिस्सेदारी दिलाने के बदले रिश्वत।
ईडी ने घोटाले से संबंधित अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की है। मामले में जांच जारी है, और घोटाले से जुड़े कई अन्य पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है।