कथा में बैठना महत्वपूर्ण नहीं है कथा तुम्हारे दिल में बैठे यह महत्वपूर्ण है – पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
00 6 अक्टूबर को लगेगा बालाजी सरकार का दिव्य दरबार, 7 अक्टूबर को होगा दीक्षा कार्यक्रम
घण्टी बजाना, पूजा करना केवल यही धर्म नहीं है अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है
रायपुर। हनुमंत कथा के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, धर्मपत्नी वीणा सिंह, पर्यटन एवं संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री राजेश अग्रवाल, दक्षिण कौशल पीठाधीश्वर महंत राजीव लोचन दास, आयोजक परिवार के सदस्य श्री लक्खी प्रसाद अग्रवाल, माताजी माधुरी देवी अग्रवाल, चंदन – बसंत अग्रवाल, श्रीमती अनिता चंदन अग्रवाल, श्रीमती रितु – बसंत अग्रवाल, जया अग्रवाल परिवार, किशोर अग्रवाल, संघ परिवार, किशोर महानंद, हेमेंद्र साहू, तुलसी कौशिक व सौरभ अग्रवाल, आजाद गुर्जर ने मंच पर स्वागत कर आरती उतारा। दही हांडी उत्सव स्थल, अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड, गुढिय़ारी में 4 से 8 अक्टूबर तक होने वाले श्रीमंत हनुमंत कथा के पहले दिन, शनिवार को बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री श्रद्धालुजनों से माफी मांगते हुए कहा कि मुरैना से एयरपोर्ट आने में उन्हें तीन घण्टा लग गया क्योंकि रास्ते में तीस हजार लोग थे इसलिए वे छत्तीसगढ़ की पावन धरा में देरी से पहुंचे।
छत्तीसगढ़ का प्रेम अभूतपूर्व है और यहां के प्रेम को कभी भूला नहीं जा सकता क्योंकि सच में महतारी ही है छत्तीसगढ़

कल से हम टाईम पर आ जाएंगे। बालाजी महाराज से वे छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आर्शीवाद मांगते हुए कहा कि ऐसी ही कृपया यहां के लोगों पर हमेशा बनाए रखे। व्यासपीठ की पूर्जा अर्चना करने के बाद कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि जो कीर्तन नहीं गाता, जो धीरे-धीरे भी नहीं गाता है उसके भीतर का पाप बाहर निकल आता है और जो धीरे-धीरे गाता है उसके भीतर भी कीर्तन अपने आप घूस जाता है। अगर तुम बगल वाले का पाप अपने भीतर प्रवेश कराना चाहते हो तो धीरे-धीरे कीर्तन करो।पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी महाराज की बड़ी कृपया है कि छत्तीसगढ़ की पावन से उन्होंने कथा की शुरुआत की थी और फिर वहीं वापस आ गए। तीन साल पहले यहीं से कथा शुरु किए थे इसका मतलब यह हुआ कि लौट के बुद्धु घर पर आए। गुढिय़ारी वाले हनुमान जी महाराज की कृपया पूरे रायपुरवासियों पर बरसती है और हम अपने ममामा गांव में आ गए है, इसलिए हम तो छत्तीसगढ़ के भांचा है। यही वह जगह है जहां पहली बार कथा हुई थी, वही पंडाल और हमने यहां से हूंकार भरी थी कि हम तुम्हें हिन्दू राष्ट्र देंगे, बस करवाने वाला यजमान बदल गया। हनुमान महाराज को प्रणाम करते हुए कहा कि छत्तीसगढिय़ा, सबले बढिय़ा। जहां पर भी वे कथा करते है छत्तीसगढ़ को कभी नहीं भूलते है और एक गाना जरुर गा लेते है चोला माटी के हे राम….। पहले जब हम गाना गाते थे तो आधा समझ आता था लेकिन अब पूरा समझ आने लग गया है। छत्तीसगढ़ का प्रेम अभूतपूर्व है और छत्तीसगढ़ के प्रेम को कभी भूला नहीं जा सकता और सच में महतारी ही है छत्तीसगढ़।
84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है मानव तन
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि बढ़े भाग्य से मनुष्य तन मिलता है और मनुष्य तन मिलना बहुत कठिन है। जिंदगी में आपने जो मनुष्य तन पाया है उसे इतराओ, विचार करो की आप भैंसिया बने होते और कहीं बंधे होते, घोड़ा बने होते तो कहीं नाच रहे होते किसी की शादी में। मानव तन 84 लाख यौनियों को पार करने के बाद मिलता है, ये आपका सौभाग्य है कि मनुष्य तन भगवान ने आपको दिया, यह पहला भाग्य हुआ। दूसरा भाग्य यह है कि मनुष्य तो बनाया लेकिन बांग्लादेश का नहीं बनाया ना पाकिस्तान का, बनाया तो भारत का। अगर आप पाकिस्तान में होते तो क्या कर रहे होते बम बना रहे होते और विचार करो जो बम बनते है हमारे यहां फटाखा बन जाते है जो फूटते नहीं है।
मुरैना में पाकिस्तान पर दिए बयान पर है अडिग
मुरैना में कल हमने जो बयान दिया था उसे कुछ मीडिया संस्थानों ने उलटा चला दिया उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान घर वापसी कर लें और भारत के साथ मिल जाए और बेटा पाप से नहीं मिलेगा तो क्या अंकल से मिलेगा।
चाइना वालों को ब्राम्हाजी ने बनाया है फोटोकॉपी

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अगर विचार करो तुम अगर चाइना के बने होते तो छोटी-छोटी आंखें, छोटा सा एक फोटो कॉपी जैसा चेहरा होता। चाइना वालों को देखकर ऐसा लगता है कि ब्राम्हा जी ने उन्हें फोटोकॉपी बनाकर इस दुनिया में भेजा है। लॉकडाउन के समय उन्होंने चाइना का एक फिल्म देख रहे थे तो उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि पूरी फिल्म में हीरो कौन है। वही विलेन, वहीं हीरो और वही बिटिया का पाप लगे और वैसे ही पड़ोसी लगे। हमें यही समझ आया कि चाइना वालों को ब्रॉम्हा जी ने फोटोकॉपी मशीन प्रदान कर दिया है।
कथा में सबको नहीं मिलता है आने को, कथा में जो बातें कहीं जाती है उसका पालन हमें जरुर करना चाहिए
उन्होंने कहा कि पहला भाग्य मनुष्य तन और दूसरा भाग्य भारत और तीसरा भाग्य सनातन जैसा धर्म मिला और यह तीनों पाकर अगर आप भगवान की कथा ना सुने तो उससे बड़ा कोनो उल्लू नहीं है। कथा में सबको आने नहीं मिलता है, यदि सबका ही बेड़ा पार हो जाएगा तो हम सबकी दुकान बंद ना हो जाएगी। कथा में जिसको रामजी बुलाते है वही जाता है। यह बात हम नहीं कह रहे है रामायण में तुलसीदास जी ने लिखा है। बिना राम जी के सत्संग मिलना मुश्किल है, अगर यहां आने का मौका मिला है तो समझ जाना तुम नहीं तुम्हें तुम्हारे रामजी ने बुलाया है। कथा सुनने भर से भला नहीं होगा, जब तक तुम कथा को अपने जीवन में उतरोंगे नहीं। कथा में जो बातें कहीं जाती है उसका पालन हमें जरुर करना चाहिए। मन की प्रवृत्ति इतनी विचित्र है कि ये तुम्हें दिन-प्रतिदिन
