नई दिल्ली 07 अप्रैल 2022 : UN में आज भारत की सबसे बड़ी परीक्षा है। आज रूस को UN मानवाधिकार परिषद से बाहर निकालने के प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। बूचा हत्याकांड की तस्वीरें सामने आने के बाद अमेरिका और यूरोपीय देश रूप पर सख्त वैश्विक प्रतिबंध चाहते है। अगर दो तिहाई वोट रूस के खिलाफ गए तो वह संघ से बाहर हो जाएगा। एक तरफ मानवाधिकार है, तो वर्षों पुराना दोस्त रूस। ऐसे में भारत के लिए सबसे बड़ी वैश्विक परीक्षा बन गई है।
यूक्रेन में रूस की कार्रवाई के लिए आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से उसे बेदखल करने का प्रस्ताव पेश किया जाना है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा की विशेष बैठक बुलाई गई है। अमेरिका 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से रूस को निकालने का प्रस्ताव लेकर आ रहा है। अगर भारत पहले की तरह ही इस बार भी मतदान में हिस्सा नहीं लेता है तो इससे रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों का हाथ ही मजबूत होगा जबकि पहले भारत के वोटिंग से हटने से रूस को मजबूती मिलती थी। ऐसे में भारत करे तो क्या? अगर भारत ने मतदान नहीं किया तो परोक्ष रूप से रूस का विरोध होगा, जिससे दशकों की दोस्ती में दरार आने की आशंका पैदा होगी। अगर भारत ने रूस के पक्ष में मतदान दिया तो गुटनिरपेक्षता की नीति पर सवाल उठेगा और पश्चिमी देशों को उंगली उठाने का मौका मिल जाएगा।
दरअसल, भारत के वोटिंग में भाग नहीं लेने से रूस को कोई मदद नहीं मिलेगी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पास होने के लिए उपस्थित सदस्य देशों और डाले गए कुल मतों के दो-तिहाई की ही जरूरत होगी।