रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज बताया कि भारतीय रेलवे ने आगामी महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियों के तहत पिछले दो वर्षों में 5000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इसके तहत 13,000 से अधिक विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएंगी। वैष्णव ने प्रयागराज मंडल में महाकुंभ 2025 की तैयारियों का जायजा लिया और झूंसी रेलवे स्टेशन पर चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वाराणसी से प्रयागराज के बीच रेल मार्ग को सुगम बनाने के लिए दारागंज से झूंसी तक 495 करोड़ रुपये की लागत से नया रेल पुल बनाया गया है। यह नया पुल गंगा नदी पर निर्मित है, जिससे अब यात्रा के दौरान ट्रेन को रुके बिना सफर पूरा किया जा सकेगा। पहले इस मार्ग पर केवल एक रेल पुल था, जो सिंगल ट्रैक होने के कारण ट्रेनों को देर तक रोकता था। अब यह नया पुल, जो उबल ट्रैक वाला है, यात्रियों को अधिक सुविधा प्रदान करेगा।
झूंसी-दारागंज के मध्य गंगा नदी पर बने इस रेल पुल की संरचना स्फेरिकल बेयरिंग पर आधारित है, जिससे यह बेहद मजबूत और टिकाऊ है। इस पुल का निर्माण भारतीय कुआं शैली में किया गया है, और इसकी नींव 50 मीटर गहरी है। यह पुल अगले 100 वर्षों तक सुरक्षित रहेगा और 25 वर्षों तक दोगुना भार सहने में सक्षम होगा।
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि इस परियोजना से प्रयागराज और वाराणसी के बीच यात्रा तेज और सुगम होगी। दोनों शहरों के बीच की दूरी 120 किलोमीटर है, और इस मार्ग पर ट्रेनों की औसत गति 100 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकेगी। वर्तमान में, इस मार्ग पर वंदे भारत ट्रेनों की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ 13 दिसम्बर को अपनी प्रयागराज यात्रा के दौरान करेंगे।