4 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के पुंछ जिले में कृष्णा घाटी के पास भारतीय सेना ने एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए 7 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया। इनमें तीन पाकिस्तानी सेना के जवान भी शामिल थे। इस घटना के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) पर हमला किया, जो सीमा पार आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने में माहिर होती है।
घुसपैठ का उद्देश्य भारतीय पोस्ट को निशाना बनाना था
सूत्रों के मुताबिक, घुसपैठियों का मुख्य उद्देश्य भारतीय सीमा पोस्टों को निशाना बनाना था। भारतीय सेना ने सटीक जवाबी कार्रवाई की और इस ऑपरेशन में पांच घुसपैठी मारे गए।
अल्बद्र ग्रुप के आतंकवादी हो सकते हैं शामिल
रिपोर्ट्स के अनुसार, मारे गए आतंकवादी संभवतः अलबद्र ग्रुप से संबंधित थे। यह घटना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान के बाद हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के साथ सभी मसलों का समाधान बातचीत के जरिए किया जाएगा।
POK में जैश-लश्कर की मीटिंग पर सरकार ने दी मंजूरी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बयान के अगले दिन ही, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के रावलकोट में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी समूहों को एक रैली आयोजित करने की अनुमति दी गई। इस रैली में बंदूकें और AK-47 लहराई गईं और एंटी-इंडिया नारे लगाए गए, जिसमें हमास के लीडर्स भी शामिल थे।
भारत की आतंकवादियों के खिलाफ पिछली बड़ी कार्रवाई
- 2016 सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने उरी हमले का बदला लेते हुए पहली बार सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक की। भारतीय सैनिकों के वेश में चार पाकिस्तानी आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसे थे और उन्होंने उरी में भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला किया था। भारतीय सेना ने आतंकियों को ढेर किया और सर्जिकल स्ट्राइक का ऐलान किया, जिससे पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश मिला। - 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसका जिम्मा जैश-ए-मोहम्मद ने लिया था। इस हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों पर एयर स्ट्राइक की। भारतीय मिराज विमानों ने 150-200 आतंकियों को मार गिराया, जिसमें जैश के सरगना मसूद अजहर के साले समेत कई प्रमुख आतंकवादी शामिल थे।
नतीजा
भारतीय सेना द्वारा की गई ये कार्रवाई पाकिस्तान और आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश देती है कि भारत आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा और जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी आतंकियों को ढेर करेगा।