नई दिल्ली – दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में कक्षाओं की दीवारों पर गोबर और मिट्टी का लेप करने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामले में वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि “अगर इस देसी तरीके से गर्मी कम हो सकती है, तो यह प्रयोग सबसे पहले प्रिंसिपल को अपने घर और ऑफिस में करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर कॉलेज में पंखे और कूलर की कमी है तो उसका समाधान फंड के सही उपयोग से किया जाना चाहिए। कॉलेज के पास छात्र विकास निधि समेत कई स्रोतों से धन आता है। “जब कोई व्यक्ति 10 साल से प्रिंसिपल हो, तो ऐसी मूलभूत ज़रूरतों पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?”
DUSU अध्यक्ष ने जताया विरोध, प्रिंसिपल ऑफिस पर लगाया गोबर
इस पूरे मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के अध्यक्ष रौनक खत्री ने मंगलवार को अनोखा विरोध जताते हुए प्रिंसिपल के ऑफिस की दीवारों पर गोबर का लेप किया। उनका कहना था कि “ठंडक तो सबको मिलनी चाहिए। अगर छात्र गोबर वाली कक्षा में बैठ सकते हैं, तो प्रिंसिपल भी उसी तकनीक के तहत काम करें।”
एक दिन पहले ही रौनक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा था, “लो जी, देख लो, विकसित भारत की टेक्नोलॉजी। अगर प्रिंसिपल कक्षा में गोबर लगा सकती हैं तो हम आकर उनके ऑफिस में भी वही करेंगे।”
प्रिंसिपल बोलीं – यह रिसर्च प्रोजेक्ट है, अफवाह न फैलाएं
प्रिंसिपल डॉ. प्रत्यूष वत्सला ने पूरे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि यह एक रिसर्च प्रोजेक्ट है, जिसका नाम है — ‘पारंपरिक भारतीय ज्ञान का उपयोग करके थर्मल स्ट्रेस कंट्रोल का अध्ययन’।
उन्होंने कहा, “यह प्रयोग कॉलेज के पोर्टा कैबिन्स में किया जा रहा है। मैंने खुद एक कमरे में गोबर लगाया है, क्योंकि मिट्टी और गोबर जैसी प्राकृतिक चीजें नुकसानदायक नहीं हैं। कुछ लोग बिना तथ्य जाने अफवाह फैला रहे हैं।”
प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि वायरल वीडियो उन्होंने खुद शिक्षकों के साथ शेयर किया था, और एक सप्ताह के भीतर रिसर्च डेटा सार्वजनिक किया जाएगा।