रायपुर-बिलासपुर हाइवे और पेंड्रीडीह–नेहरू चौक सड़क पर हाईकोर्ट की सख्ती

केवल सफाई-पुताई नहीं, चाहिए असली मरम्मत

हाईकोर्ट ने रायपुर से बिलासपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और पेंड्रीडीह बाईपास से नेहरू चौक तक सड़क की खस्ताहाल स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने साफ किया कि उनके पिछले आदेश का मतलब केवल किनारे की सफाई या पेंटिंग नहीं, बल्कि सड़क की वास्तविक मरम्मत और पुनर्निर्माण था।

खंडपीठ की सख्त टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई। अदालत ने कहा कि खराब सड़कों से जनता की जान पर खतरा है, इसलिए तुरंत कदम उठाना जरूरी है।

पैचवर्क पर नाराज़गी

सरकार ने दलील दी कि सड़क का अध्ययन कराने के लिए टेंडर जारी किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा – “आप पांच साल से केवल स्टडी ही कर रहे हैं। पैचवर्क और पेंटिंग से समस्या हल नहीं होगी। पूरी सड़क को नए सिरे से बनाना होगा।”

सड़क की वर्तमान स्थिति

  • पेंड्रीडीह से नेहरू चौक तक 15 किमी सड़क

  • जगह-जगह बड़ी दरारें

  • एनएचएआई ने निर्माण किया, बाद में पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर

  • बार-बार मरम्मत, पर कुछ ही दिनों में फिर खराब

  • विशेषज्ञों का कहना – कॉन्क्रीट सड़क की दरारें केवल भरने से नहीं, पूरा पैनल बदलने से ही हल होंगी

सरकार का पक्ष

  • 70% काम पूरा होने का दावा, शेष 28 सितंबर तक समाप्त करने का आश्वासन

  • दरारों में डामर भरने, सफाई, लाइटिंग और पेंटिंग जारी

  • तकनीकी रिपोर्ट में पैचवर्क को अस्थायी समाधान माना गया

  • नया निर्माण करने के लिए बड़े टेंडर की तैयारी

“पांच साल से सिर्फ स्टडी” – हाईकोर्ट

कोर्ट ने नाराज़गी जताई कि विभाग पिछले पांच सालों से केवल स्टडी में समय बर्बाद कर रहा है। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि सड़क का नवीनीकरण तुरंत शुरू नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

एनआईटी को जिम्मेदारी

राज्य सरकार ने जानकारी दी कि सर्वे और सॉयल टेस्ट का कार्य एनआईटी रायपुर को सौंपा गया है। टीम दो हफ्तों में रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर नया टेंडर जारी किया जाएगा।

कोर्ट का अंतिम रुख

हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा – “जनता की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। समय पर काम शुरू न होने पर कठोर आदेश और कार्रवाई होगी।”