छत्तीसगढ़ में महाशिवरात्रि के पर्व पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। रायपुर के शिवालयों में उत्साह का माहौल है, जहां श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करने और जल चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। रायपुर के प्राचीन मंदिरों में से एक महादेव घाट स्थित हटकेश्वरनाथ महादेव का अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पट सुबह 4 बजे से खोल दिए गए हैं। हर-हर महादेव के जयकारे के साथ लोग भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।
सुरेश्वर महादेव चौक पर 21 फीट ऊंचा त्रिशूल लगाने की योजना है, और मंदिर के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं। वहीं, राजिम में डिप्टी सीएम विजय शर्मा और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने त्रिवेणी संगम में शाही स्नान से पहले नागा साधुओं का स्वागत किया।
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बूढ़ेश्वर महादेव, बूढ़ापारा
यहां शिव-पार्वती विवाह का आयोजन होगा, साथ ही पूरी रात भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। जलाभिषेक केवल सुबह होगा और शृंगार के बाद दर्शन होंगे।
दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से -
नरहरेश्वर महादेव, टिकरापारा
रुद्राष्टाध्यायी पाठ, फलों के रस और दूध से महादेव का अभिषेक, और कोलकाता से आए फूलों से शृंगार। रात 8 बजे महाआरती होगी।
दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से -
बैद्यनाथ धाम, बैजनाथ पारा
आकर्षक रंगीन लाइट से सजाए गए मंदिर में फलों के रस और दूध से रुद्राभिषेक हुआ।
दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से -
नीलकंठेश्वर महादेव, भाठागांव
शिवरात्रि पर आकर्षक रजत शृंगार और जलाभिषेक के साथ व्रतियों के लिए फलाहार की व्यवस्था।
दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से -
सुरेश्वर महादेव, खम्हारडीह
21 फीट ऊंचा त्रिशूल और वीआईपी चौक से त्रिशूल यात्रा निकलेगी।
दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से -
योगेश्वर महादेव मंदिर, कटोरा तालाब
सुबह 4 बजे अभिषेक और गुप्त आरती के बाद रात 12 बजे भोलेनाथ की परिक्रमा होगी।
दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से -
सोमेश्वर महादेव, सरजू बांधा
रुद्राभिषेक के बाद भस्म आरती होगी और शिवजी का महाकाल स्वरूप में शृंगार किया गया है।
दर्शन का समय: सुबह 8 बजे से -
मार्कण्डेय महादेव मंदिर, पेंशन बाड़ा
अखंड रामायण पाठ और भजन-कीर्तन के बीच महादेव का विशेष शृंगार होगा।
दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से
इन सभी मंदिरों में महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा और भव्य आयोजन किए जा रहे हैं, जिससे भक्तों के लिए यह एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव होगा।