बलौदाबाजार: किडनी की बीमारी में डायलिसिस काफी महंगा इलाज है। बलौदाबाजार के जिला अस्पताल में ये इलाज बिलकुल मुफ्त हो रहा है, वो भी 2 साल से। फिलहाल हर दिन यहां 8 मरीज डायलिसिस के लिए पहुंच रहे हैं। दिसंबर 2023 से अब तक 2600 से ज्यादा फ्री सेशन किए जा चुके हैं। जिला अस्पताल में इस अत्याधुनिक डायलिसिस सेंटर की स्थापना 2022 में डीएमएफ फंड की मदद से की गई थी।
सीएमएचओ डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत निशुल्क डायलिसिस सुविधा दी जा रही है। अस्पताल में इस समय डायलिसिस हेतु चार मशीनें लगाई गई हैं। जिला चिकित्सालय में लगी मशीनों द्वारा लगभग 4 घंटे में डायलिसिस पूरी होती है। स्थिति के अनुसार मरीज को माह में 8 से 12 बार तक डायलिसिस करवाना पड़ सकता है। वर्तमान में डायलिसिस यूनिट में 38 एक्टिव पंजीकृत मरीज हैं, जो नियमित रूप से डायलिसिस करवाने आते हैं। उक्त चार मशीनों में एक मशीन हेपेटाइटिस सी के मरीजों के लिए कार्य कर रही है।
क्या है डायलिसिस? जानिए
सिविल सर्जन डॉ केके टेभूरने ने बताया, डायलिसिस गुर्दे या किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए इलाज की वो विधि है जिसमें जब गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं या उनकी क्षमता कम हो जाती है तब कृत्रिम तरीके से शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाता है। यह तब तक करना पड़ता है, जब तक व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाता या नई किडनी प्रत्यारोपित नहीं की जाती। अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर न निकाला जाए तो शरीर में विष फैल सकता है। मृत्यु भी हो सकती है।