किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि उन्होंने अभिनेत्री ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। दास का आरोप है कि ममता कुलकर्णी को इस पद पर बैठाने में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और ममता पर देशद्रोह का आरोप भी है। उन्होंने कहा कि ममता को महामंडलेश्वर बनाए जाने की कोई उचित वजह नहीं थी।
अजय दास ने यह भी कहा कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, जिन्हें उन्होंने किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए महामंडलेश्वर बनाया था, अब भटक गईं हैं। उनके मुताबिक, त्रिपाठी ने बिना उनकी अनुमति के 2019 में जूना अखाड़े के साथ अनुबंध किया, जो न केवल अनैतिक था, बल्कि सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ भी था।
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि अजय दास खुद किन्नर अखाड़े से 2016 में बाहर कर दिए गए थे, और अब वह निजी स्वार्थ के चलते ऐसा बयान दे रहे हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने अजय दास के दावे को खारिज करते हुए कहा कि परिषद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ है और अजय दास को कोई नहीं जानता। उन्होंने यह भी कहा कि किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़े से जुड़ा हुआ है, और ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े में पट्टाभिषेक हुआ था, जिसे वे समर्थन देते हैं।
इस विवाद में किन्नर समाज और अखाड़ा परिषद दोनों ही पक्षों का समर्थन और विरोध देखे जा रहे हैं, और यह मामला आगे और अधिक तूल पकड़ सकता है।