बलौदाबाजार हिंसा केस में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव 7 महीने बाद शुक्रवार को जेल से रिहा हो गए। रिहाई के बाद, वे अपनी पत्नी श्रुतिका और बड़े भाई धर्मेंद्र के साथ भिलाई पहुंचे। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि जहां भी उनकी जरूरत होगी, वे बिना डर के जाएंगे और मामले की CBI जांच की मांग की। उन्हें 20 फरवरी को बेल मिली थी, और वे 17 अगस्त 2024 से जेल में बंद थे।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र यादव को एक और राहत दी, जब पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका पर रोक लगा दी। पांडेय ने देवेंद्र की विधायकी को चुनौती दी थी, लेकिन अब इस पर अप्रैल में हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। पांडेय ने आरोप लगाया था कि देवेंद्र ने अपने नामांकन पत्र में आपराधिक केस और संपत्ति की जानकारी छिपाई थी, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है।
देवेंद्र यादव ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताया और कहा कि वे अपनी आवाज उठाने के लिए ही सभा में गए थे। जेल से रिहा होने पर भिलाई लौटने पर उनकी पत्नी ने उनका स्वागत आरती करके किया, और मां से मिलने के दौरान आंसू छलक पड़े।