बचपन सपना साकार, अभिनव का इसरो में हुआ चयन

बिलासपुर। कहते हैं, जिंदगी में कुछ करने के लिए लगन और मेहनत की आवश्यकता होती है, सफलता जरूर मिलेगी। इसी का उदाहरण बने हैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला अंतर्गत तखतपुर गांव के 24 वर्षीय अभिनव सिंगरौल। अभिनव की मां मधुरिमा सिंगरौल बताती हैं कि मेरा बेटा बचपन के दिनों से ही देश की नवरत्न कंपनियों में से एक में काम करना चाहता था। इसके लिए वह जुटकर घंटो तक पढ़ाई करता। बेटे के इस संघर्ष को देखकर हम भी भगवान से हमेशा प्रार्थना करते की इसे जल्द सफलता मिले। अखिकार ईश्वर ने हमारी सुनी और मेरे बेटे अभिनव का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में हुआ है।

अभिनव की 8 दिसंबर से ज्वाइनिंग है। उनकी मां का कहना है कि कोविड की विषम परिस्थियों में भी वह अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ा और लगातार जुटा रहा। कोचिंग क्लासेस बंद होने के बाबजूद सेल्फ स्टडी को जरिया बनाकर यह सफलता हासिल की है।

अभिनव की इस सफलता से परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ है। अभिनव के पिता नितेश सिंगरौल का कहना है कि अभिनव एक भाई और एक बहन हैं। वे तो अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल कर लिए। उसकी छोटी बहन जो नेशनल फारेस्ट सर्विसेस में जाना चाहती है, वह भी जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ले, ईश्वर से बस यही प्रार्थना है।

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