रायपुर, 03 जून 2022 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत एनएसडीएल को अंतरित 17 हजार 240 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ सरकार को वापस करने के लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण को निर्देशित करने का अनुरोध किया है, ताकि शासकीय कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय का क्रियान्वयन किया जा सके।
उन्होंने लिखा है- संघीय ढांचे में यह राज्य सरकार का संप्रभु निर्णय है। शासकीय कर्मचारियों और उनके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्य की बजट घोषणा व मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुक्रम में निर्णय के क्रियान्वयन से रोका जाना उचित नहीं है।
बघेल ने लिखा है- राज्य सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एनएसडीएल को 1 नवम्बर, 2004 से 31 मार्च 2022 तक कुल 11,850 करोड़ (कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान) अंतरित किये गये हैं प्राधिकरण द्वारा अपने पत्र दिनांक 26 मई 2022 के माध्यम से यह लेख किया गया है कि पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013, सहपठित पीएफआरडीए (राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत निकासी एवं प्रत्याहरण) विनियमन, 2015 तथा अन्य सुसंगत नियमों में इस आशय का कोई प्रावधान नहीं है जिसमें राज्य सरकार को कर्मचारी एवं नियोक्ता अंशदान की जमा राशि वापस की जा सके। बघेल ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में राज्य शासन की पेंशन योग्य स्थापना में 1 नवम्बर 2004 अथवा उसके पश्चात नियुक्त समस्त शासकीय कर्मचारियों के लिये नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की गई है। राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक दिनांक 1 मई 2022 में इस निर्णय का अनुमोदन किया जा चुका है तथा इस निर्णय के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) दिनांक 11 मई 2022 को जारी की जा चुकी है।
इस निधि से भविष्य में पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु आवश्यक होने पर राशि का आहरण किया जा सकेगा। साथ ही इस निधि के और संवर्धन हेतु जमा राशि को भारत सरकार, राज्य सरकारों की प्रतिभूतियों में सुरक्षित रूप से निवेशित किया जायेगा तथा प्रतिवर्ष गत वर्ष के पेंशन भुगतान की 4 प्रतिशत के बराबर राशि निवेशित की जायेगी।