महाकुंभ के समापन से पहले, 25 फरवरी को छत्तीसगढ़ के विभिन्न जेलों में 18 हजार से ज्यादा कैदियों को गंगाजल से स्नान कराया गया। इसके तहत प्रदेश के 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 उप जेल में महाकुंभ के गंगाजल से स्नान करवा गया। इस दौरान कैदियों ने ‘हर-हर गंगे’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारे लगाए, जो इस अद्भुत आयोजन का उत्साह और महत्व बयां करते थे।
प्रदेशभर में कैदियों ने इस आध्यात्मिक अनुभव को खास माना, जिसमें रायपुर, रायगढ़, दुर्ग, धमतरी, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़, और कोरबा जैसे जिलों के कैदी शामिल हुए। इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ के ऐतिहासिक अवसर पर कैदियों को आध्यात्मिक लाभ देना था।
गृहमंत्री विजय शर्मा के निरीक्षण के दौरान, कैदियों ने गंगाजल से स्नान की इच्छा जाहिर की थी, जिसे ध्यान में रखते हुए गंगाजल मंगवाया गया और सभी जेलों तक पहुंचाया गया।
कई जेलों में टंकियों की सफाई की गई, रंगाई पुताई की गई और टंकियों को सजाया गया, जिनमें गंगाजल डाला गया। दुर्ग जेल में कैदियों को कुंड में डुबकी भी लगवाई गई।
कैदियों ने इसे यादगार पल बताया और कहा कि महाकुंभ जैसा अवसर शायद उनके जीवन में फिर कभी नहीं आएगा।