छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून 2024 को हुई आगजनी और हिंसा मामले की बुधवार को जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव समेत 7 लोगों पर आरोप तय किए गए हैं। अब इन आरोपियों पर बलौदाबाजार आगजनी कांड के आरोपी के रूप में मुकदमा चलेगा।
विधायक देवेंद्र यादव ने कोर्ट में पेश होने के बाद कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने निर्दोष लोगों को फंसाया है, लेकिन ट्रायल के बाद सभी निर्दोष साबित होंगे। अगर कांग्रेस की सरकार बनी, तो इस केस को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।”
इस मामले में विधायक देवेंद्र यादव के अलावा दिनेश कुमार चतुर्वेदी, मोहन बंजारे, किशोर नौरंगे, राजकुमार सतनामी, ओमप्रकाश बंजारे और नितेश उर्फ निक्कू टंडन को आरोपी बनाया गया है।
सरकार ने निर्दोष लोगों को फंसाया
विधायक देवेंद्र यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “बलौदाबाजार कांड में जिस तरह से प्रशासन ने निर्दोष लोगों को जेल में डाला और 8-9 महीने प्रताड़ित किया, यह पूरी तरह से गलत था। कोर्ट ने हमें जमानत दी, और अब हमें पूरा विश्वास है कि हम सभी बाइज्जत बरी होंगे। कांग्रेस की सरकार आने पर इस मामले को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में सही जांच नहीं की गई और केवल राजनीति के तहत निर्दोष लोगों को फंसाया गया।
सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए
सरकार की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मुकुंद देशपांडे ने बताया कि दशहरा मैदान में हुई आमसभा को समाज ने आंदोलन सभा का नाम दिया था। उसमें दिए गए भाषण, उकसाने और षड्यंत्र करने के कारण अपराध हुए थे। अभियोग पत्र पेश होने के बाद आरोपियों के खिलाफ अभियोग लगाया गया है। गवाहों के बयान अब दर्ज किए जाएंगे।
विधायक देवेंद्र यादव, किशोर नौरंगे, मोहन बंजारे, दिनेश कुमार चतुर्वेदी, ओमप्रकाश बंजारे, नितेश उर्फ निक्कू टंडन के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। सभी आरोपियों ने आरोपों से इनकार किया है और अब गवाह पेश किए जाएंगे।
अगली सुनवाई में सबूत पेश होंगे
आरोपियों के वकील अनादि शंकर मिश्रा ने कहा कि 10 जून 2024 को बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट कार्यालय में आगजनी की घटना हुई थी। इस मामले में देवेंद्र यादव को आरोपी बनाया गया था। अब अगली सुनवाई में अभियोजन पक्ष अपने सबूत पेश करेगा।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन
15 मई 2024 को सतनामी समाज के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद प्रदर्शन और संघर्ष शुरू हुआ। 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन समाज के लोग इससे संतुष्ट नहीं थे।
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें कलेक्टर और एसपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया और कई गाड़ियां जला दी गईं। इसके बाद पुलिस ने करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी शामिल थे।
विधायक देवेंद्र यादव का बचाव
देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि 10 जून 2024 को वह सिर्फ सभा में शामिल हुए थे, लेकिन मंच पर नहीं गए और न ही भाषण दिया। उनका कहना था कि वह हिंसक घटना के समय घटनास्थल से दूर थे और उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित थी।
प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप और नुकसान
बलौदाबाजार हिंसा में करीब 2.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तोड़ी और आग लगा दी। इसके अलावा, पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों से मारपीट कर उन्हें घायल किया गया। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारी पेट्रोल बम लेकर आए थे।