बिलासपुर के व्यापार विहार स्थित नगर निगम कॉलोनी में रहने वाली एक वर्षीय इरज़ा कुरैशी ने छोटी उम्र में बड़े कीर्तिमान स्थापित कर पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन किया है। शासन की 42 योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के साथ, इरज़ा का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बुक्स में दर्ज हो चुका है।
जागरूकता और परिवार का प्रयास
इरज़ा के माता-पिता, अलफरहान और स्वालेहा कुरैशी, ने अपनी जागरूकता का परिचय देते हुए बेटी को शासन की तमाम योजनाओं का लाभ दिलाया। जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट, सुकन्या समृद्धि योजना, पेन कार्ड और आंगनबाड़ी योजना जैसी 42 प्रकार की सुविधाओं से इरज़ा को लाभान्वित किया गया है।
विश्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज
इरज़ा ने मात्र 1 मिनट में 102 बार जंपिंग कर पूर्व के 72 जंपिंग के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया। इसके अलावा, वह सबसे ज्यादा पहचान पत्र धारक बनने वाली दुनिया की पहली बच्ची बन गई है।
प्रतिष्ठित संस्थानों में जगह
इरज़ा का नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, और कलाम वर्ल्ड रिकॉर्ड जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में दर्ज हो चुका है। इसके साथ ही, उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 से अधिक पुरस्कार और ट्रॉफियां भी प्राप्त की हैं।
दादा-दादी का संदेश
इरज़ा के दादा-दादी, फरीद और आशिया कुरैशी, ने कहा कि यह सफलता पूरे परिवार की जागरूकता का परिणाम है। उन्होंने समाज के अन्य लोगों से भी अपील की कि वे शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करें और उनका लाभ उठाएं।
प्रेरणा बनी नन्हीं बेटी
इरज़ा कुरैशी की उपलब्धियां न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे बिलासपुर और छत्तीसगढ़ का गौरव हैं। यह साबित करता है कि सही जानकारी और इच्छाशक्ति के बल पर किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इरज़ा का सफर जागरूकता और इच्छाशक्ति की शक्ति का जीता-जागता उदाहरण है।