छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान (supplementary prosecution) पेश किया है। इनमें रानू साहू के पति IAS जयप्रकाश मौर्य समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है। चालान में बताया गया है कि IAS जयप्रकाश मौर्य निलंबित IAS रानू साहू के साथ मिलकर काम करते थे। रानू साहू पहले से ही जेल में बंद हैं। इसके अलावा, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी भी इस केस में जेल में हैं।
अवैध कोल लेवी में सक्रिय भूमिका
ED ने चालान में बताया कि हेमंत और वीरेंद्र अवैध कोल लेवी वसूली में सक्रिय थे। पारिख और राहुल पर आरोप है कि वे कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
इन सभी पर आरोप है कि वे कोयला लेवी के पैसों की वसूली और वितरण में शामिल थे। जोगिंदर सिंह, रामगोपाल और पीयूष भाटिया की भी घोटाले में विशेष भूमिका बताई गई है。
ED ने जब्त की 50 करोड़ की संपत्ति
30 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले से जुड़े लोगों की 49.73 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। इसमें बैंक बैलेंस, वाहन, नगदी, जेवरात और जमीन सहित 100 से अधिक चल-अचल संपत्तियां शामिल थीं।
570 करोड़ रुपये की वसूली का दावा
ईडी की जांच में सामने आया कि कोल परिवहन में व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इस संबंध में आदेश जारी किया था।
सिंडिकेट बनाकर व्यापारियों से प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली की जाती थी। इस तरह कुल 570 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की गई।
घोटाले में कई बड़े नाम शामिल
आरोप है कि सूर्यकांत तिवारी को पूर्व मुख्यमंत्री के उपसचिव रही सौम्या चौरसिया का संरक्षण प्राप्त था। जांच में सबसे पहले IAS समीर बिश्नोई और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
बाद में पूछताछ के आधार पर कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया की भी गिरफ्तारी हुई।
जेल में बंद आरोपी
इस घोटाले में निलंबित IAS रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, संदीप नायक, लक्ष्मीकांत, शिव शंकर नाग, मोइनुद्दीन कुरैशी, रोशन सिंह, निखिल चंद्राकर, परेश कुर्रे, राहुल कुमार, वीरेंद्र जायसवाल, हेमंत जायसवाल और चंद्र प्रकाश जायसवाल जेल में बंद हैं।