रायपुर के गुलमोहर पार्क में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। कॉलोनी में खुले छोड़े गए गड्ढे में तीन बच्चे गिर गए, जिसमें 7 साल के दिव्यांश की मौत हो गई। सोमवार को दिव्यांश का अंतिम संस्कार किया गया। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था, और उसकी मौत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है।
दिव्यांश के पिता ने बताया कि उनकी शादी के तीन साल बाद मन्नत और पूजा-पाठ के बाद उनका बेटा हुआ था। उन्होंने बताया कि शनिवार को पूरे परिवार ने साथ में भंडारा खाया था और रविवार को जब वे ऑफिस के लिए निकले, तब नहीं जानते थे कि यह उनके बेटे के साथ आखिरी मुलाकात होगी।
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया पूरा मंजर
तुलसी राम साहू नामक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रविवार शाम 5 बजे के आसपास वे घर के बाहर बैठे थे, तभी कुछ लोगों ने बताया कि एक बच्चा गड्ढे में डूब गया है। मौके पर पहुंचने पर देखा कि 5 साल का अंश सेन गड्ढे के बाहर रो रहा था और 6 साल का प्रियांश सेन पानी में छटपटा रहा था। उसे तुरंत बाहर निकाला गया।
वहीं दिव्यांश का कपड़ा बाहर पड़ा था, जिससे अंदेशा हुआ कि वह भी पानी में है। कॉलोनी के ही एक युवक ने गड्ढे में कूदकर दिव्यांश को निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पिता ने उठाई सवाल, मांगा इंसाफ
दिव्यांश के पिता दीपक कुमार का कहना है कि अगर गड्ढे को समय रहते बंद कर दिया गया होता, तो उनका बेटा आज जिंदा होता। उन्होंने कहा कि कॉलोनी में छोटे-छोटे बच्चे रहते हैं और यह हादसा किसी और के साथ भी हो सकता है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बेटा था संस्कारी और होशियार
दीपक ने बताया कि दिव्यांश सभी बड़ों का आदर करता था। जब वह पैदा हुआ था, तब पंडित ने कहा था कि यह बच्चा विद्वान बनेगा। स्कूल में दाखिले के बाद वह हमेशा क्लास में प्रथम आता था।
दो बच्चों की बची जान
स्थानीय लोगों की मदद से दो बच्चों की जान किसी तरह बचा ली गई और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया।
लापरवाही पर भड़के लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि गड्ढा खोदने के बाद उसे ढका नहीं गया और न ही वहां कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया था। हादसे के बाद लोग आक्रोशित हैं और मौके पर धरना देने की तैयारी कर रहे हैं। मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और संबंधित इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
एक दिन पहले भी हुआ था हादसा
इस हादसे से एक दिन पहले भी शीतला मंदिर के पास एक तीन साल का बच्चा खुले गड्ढे में गिर गया था। सौभाग्य से वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार ने बच्चे को देखा और समय रहते उसे बचा लिया। यह गड्ढा भी बिना किसी सुरक्षा उपाय के खुला छोड़ा गया था।