रायपुर , 12 अक्टूबर 2023 : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है, आदर्श आचार संहिता लागू होते ही भाजपा ने 90 में से 85 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इन 85 प्रत्याशियों में केवल आठ प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज है। इसमें कई दिग्गज नेता शामिल हैं। बता दें सबसे ज्यादा प्रकरण कवर्धा प्रत्याशी विजय शर्मा के खिलाफ दर्ज है, इसके अलावा दो प्रत्याशियों के खिलाफ चेक बाउंस का केस दर्ज है। शेष 6 प्रत्याशियों के खिलाफ राजनीतिक मामलों को लेकर प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन विचाराधीन है।
BJP प्रत्याशी विजय शर्मा पर दर्ज है गंभीर आपराधिक प्रकरण, भाजपा के 85 में से 8 प्रत्याशियों के नाम भी शामिल, जानें क्या है पूरा मामला
भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची 17 अगस्त 2023 को जारी हुई थी, जिसमें 21 प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी, उस दौरान आदर्श आचार संहिता प्रभावशील नहीं थी, लिहाजा प्रत्याशियों की आपराधिक जानकारी नहीं दी गई। लेकिन जब 9 अक्टूबर 2023 को भाजपा ने 64 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की, उसी दिन चुनाव की आदर्श आचार संहिता भी लागू हुई।
लिहाजा भाजपा ने सभी 85 प्रत्याशियों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी लेकर 48 घंटे के भीतर भारत चुनाव आयोग नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को अवगत करा दिया। प्रदेश भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2021 के आदेश के परिपालन में यह कार्रवाई की है। यह जानकारी लगभग सभी राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और निर्दलीय प्रत्याशियों को भी देना अनिवार्य है। कई दिग्गज नेता बिल्कुल पाक साफ- प्रदेश भाजपा के कार्यालय मंत्री नरेश गुप्ता के हस्ताक्षर से भेजी गई जानकारी फिलहाल सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया में भी प्रसारित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश :-
सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 अगस्त 2021 को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों द्वारा आपराधिक पूर्ववृत का प्रकाशन बृजेश सिंह बनाम सुनील अरोडा व अन्य शीर्षक वाली वर्ष 2020 की अवमानना याचिका में आदेश दिया कि किसी मतदाता के सूचना के अधिकार को अधिक प्रभावी तथा सार्थक बनाने के लिए राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट के होमपेज पर अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत के बारे में सूचना प्रकाशित करनी होती है। इससे मतदाता के लिए वह जानकारी प्राप्त करना सरल हो जाता है, जिसकी आपूर्ति की जानी है। अब होमपेज पर एक कैप्शन होना भी जरूरी हो जाएगा, जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थी लिखा हो। यह जानकारी अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटे के भीतर प्रकाशित किया जाएगा, न कि नाम निर्देशन दाखिल करने के क्या हैं सुप्रीम कोर्ट का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 अगस्त 2021 को चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों द्वारा आपराधिक पूर्ववृत का प्रकाशन बृजेश सिंह बनाम सुनील अरोडा व अन्य शीर्षक वाली वर्ष 2020 की अवमानना याचिका में आदेश दिया कि किसी मतदाता के सूचना के अधिकार को अधिक प्रभावी तथा सार्थक बनाने के लिए राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट के होमपेज पर अभ्यर्थियों के आपराधिक पूर्ववृत के बारे में सूचना प्रकाशित करनी होती है। इससे मतदाता के लिए वह जानकारी प्राप्त करना सरल हो जाता है, जिसकी आपूर्ति की जानी है। अब होमपेज पर एक कैप्शन होना भी जरूरी हो जाएगा, जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अभ्यर्थी लिखा हो। यह जानकारी अभ्यर्थी के चयन के 48 घंटे के भीतर प्रकाशित किया जाएगा, न कि नाम निर्देशन दाखिल करने के जाएगा, तो भविष्य में इसे अत्यंत गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा।
इन भाजपा प्रत्याशियों पर हैं आपराधिक प्रकरण दर्ज :-