“कुछ घंटों की बारिश ने बिगाड़ा सिस्टम, सड़कों पर उफनते नाले और बिजली संकट”

रायपुर में मंगलवार को कुछ देर की बारिश ने शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। थोड़ी ही देर में शहर की कई कॉलोनियों और सड़कों पर जलभराव हो गया। जिन नालों और नालियों की सफाई मानसून से पहले पूरी होने के दावे किए गए थे, वहीं तेज बारिश में उनका पानी सड़कों पर बहता नजर आया। शहर के प्रमुख चौराहे जय स्तंभ चौक सहित प्रोफेसर कॉलोनी, दंतेश्वरी मंदिर से कुशालपुर चौक मार्ग, सिविल लाइन, शैलेन्द्र नगर जैसे पॉश इलाकों में भी भारी जलभराव की स्थिति बन गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने तस्वीरें और वीडियो साझा कर व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए और नाराजगी जताई।
तेज आंधी और बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई। हवा की गति करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटे थी, जिससे कई जगहों पर पेड़ बिजली के तारों पर गिर गए और आधा शहर अंधेरे में डूब गया। बारिश रुकने के तीन घंटे बाद बिजली मरम्मत का काम शुरू हो पाया और इसके बाद कुछ इलाकों में बिजली बहाल होने में तीन घंटे और लगे। इस दौरान कई कॉलोनियों में लोगों को अंधेरे में लंबा इंतज़ार करना पड़ा।
शंकर नगर के हाउसिंग बोर्ड की बालाजी कॉलोनी में बारिश के दौरान एक छत की बाउंड्री वॉल गिर गई। सौभाग्य से हादसे के वक्त सभी लोग घर के भीतर थे, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। इस सोसाइटी में 50 से ज्यादा परिवार रहते हैं। कॉलोनीवासियों ने बताया कि उनके इलाके में बिजली करीब 5 घंटे बाद लौटी।
खम्हारडीह बिजली ऑफिस में उस वक्त अव्यवस्था देखने को मिली जब बिजली शिकायत दर्ज कराने पहुंचे नागरिकों को वहां कोई कर्मचारी नहीं मिला। इसी दौरान कांग्रेस नेता राकेश धोत्रे मौके पर पहुंचे और शिकायत रजिस्टर में लोगों की समस्याएं दर्ज करवाईं। उन्होंने बताया कि वे करीब रात 10:30 बजे ऑफिस पहुंचे थे, लेकिन वहां कोई भी मौजूद नहीं था। लगातार फोन बज रहे थे, इसलिए उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर खुद शिकायतें दर्ज कीं और देर रात 12:30 बजे तक वहीं डटे रहे।