शोक और सावधानी: MP में कफ-सिरप से 14 बच्चों की मौत, छत्तीसगढ़ में अलर्ट — ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप अब बिना प्रिस्क्रिप्शन नहीं मिलेगा

घटना की पृष्ठभूमि

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक भयावह घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। खबरों के अनुसार, 14 बच्चों की अचानक मृत्यु कफ-सिरप लेने के बाद हुई, और प्रारंभिक जांचों में उनकी किडनी फेलियर (गुर्दे विफलता) की पुष्टि हुई है।

इस घटना के बाद, मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकारों ने आपात कदम उठाए हैं। रायपुर सहित अन्य केंद्रों में इस विषय को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।


जांच व कार्रवाई

  1. ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पर रोक व जब्ती
    मध्य प्रदेश सरकार ने ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है, और इसके सभी स्टॉक्स जब्त करने के आदेश दिए हैं।
    साथ ही, सिरप के निर्माता Sresan Pharmaceuticals की अन्य दवाओं की आपूर्ति भी पेंडिंग परीक्षणों तक स्थगित कर दी गई है।

  2. रासायनिक परीक्षण व रिपोर्ट
    तमिलनाडु के ड्रग नियंत्रण विभाग द्वारा प्राप्त रिपोर्ट में, परीक्षण की गई ‘कोल्ड्रिफ’ की एक बैच (SR-13, मई 2025) में डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) नामक विषैला रसायन पाया गया, जिसकी मात्रा 48.6% तक पाई गई। 
    यह रसायन गुर्दे को गंभीर रूप से हानि पहुंचा सकता है और उच्च मात्रा में सेवन से फेलियर का कारण बन सकता है।

  3. अपराध दर्ज और डॉक्टर गिरफ्तार
    इस मामले में एक सरकारी डॉक्टर प्रवीण सोनी को आरोपित किया गया है और गिरफ्तार किया गया है। उनपर “लापरवाही से मृत्यु” का मामला दर्ज किया गया है।
    साथ ही, निर्माता कंपनी और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है।

  4. केंद्रीय समीक्षा और हाई-लेवल बैठक
    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों और ड्रग नियंत्रण अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में दवा निर्माण प्रक्रिया, कफ सिरप की सुरक्षा, और अनियमित दवाओं पर निगरानी बढ़ाने जैसे विषय उठाए गए।
    उन्होंने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे दवा निर्माण इकाइयों पर सक्ती से निगरानी रखें और दोषी ढूंढे जाएँ।

  5. क्षतिपूर्ति एवं अन्य कदम

    • मृत बच्चों के परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

    • प्रभावित बच्चों के लिए इलाज की पूरी लागत राज्य सरकार उठाएगी।

    • अन्य राज्यों में दवा नियंत्रण विभागों को सतर्क रहने और रैंडम जांच करने के आदेश दिए गए हैं।

    • तेलंगाना और अन्य राज्य भी ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप की एक विशेष बैच (SR-13) के लिए अलर्ट जारी कर चुके हैं और उपयोग बंद करने की चेतावनी दी है।

रायपुर / छत्तीसगढ़ में स्थिति और चेतावनी

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने सचेत रहते हुए ड्रग नियंत्रण अधिकारियों को सतर्क किया है कि ऐसे संदिग्ध सिरप बाजार में आ सके।
रायपुर सहित अन्य जिलों में मेडिकल स्टोर और फार्मेसी को निर्देश दिए गए हैं कि कोल्ड्रिफ सिरप बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के न बेचे जाएँ

इसके अलावा, जनता को यह जानकारी देने की आवश्यकता पर बल दिया गया है कि किसी भी कफ सिरप को लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है, विशेषकर शिशुओं और छोटे बच्चों के मामले में।

दुष्प्रभाव, खतरनाक रसायन और सावधानी

  • डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG): यह रसायन औद्योगिक उपयोग (ब्रेक फ्लुइड, पेंट आदि) में आता है और यदि किसी दवा में मिल जाए, तो उसे अतीव जहरीला माना जाता है।

  • DEG की उपस्थिति से गुर्दे की खराबी, मूत्र उत्पत्ति बंद होना, उल्टी, शरीर में सूजन, आदि लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

  • विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों में दुष्प्रभाव तेजी से बढ़ सकते हैं, और इसलिए कफ सिरप उपयोग में अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए।

  • अक्सर बच्चों की साधारण खांसी और जुकाम स्वयं ठीक हो जाती है, और हर खांसी में कफ सिरप देना आवश्यक नहीं है।

निष्कर्ष और संदेश

यह दुखद घटना न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है कि दवाओं की गुणवत्ता, नियमन और क्रियान्वयन कितना महत्वपूर्ण है।
छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि:

  • संदिग्ध सिरप बाज़ार में न पहुँचें,

  • दवाओं को केवल वैध निर्माण इकाइयों से ही जारी किया जाए,

  • प्रिस्क्रिप्शन द्वारा ही दवाएं मिलें,

  • जनता को जागरूकियां दी जाएँ कि बिना डॉक्टर सलाह के सिरप न लें।

यदि आपके या किसी परिचित के पास ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप है, तो उसे तुरंत उपयोग न करें और नज़दीकी ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी को इसकी जानकारी दें।

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