छत्तीसगढ़ में शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ, मंदिरों में भक्तों का उमड़ा सैलाब

देशभर में सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। सुबह से ही देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना और दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। छत्तीसगढ़ के प्रमुख देवी स्थलों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। मंदिरों को फूलों, रंग-बिरंगी रोशनियों और सजावट से दुल्हन की तरह सजाया गया है।

दंतेवाड़ा: मां दंतेश्वरी का स्वर्णाभूषण श्रृंगार

दंतेवाड़ा में स्थित मां दंतेश्वरी माई के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आज सुबह की पहली तस्वीर में मां को स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगारित किया गया। प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की।

डोंगरगढ़: मां बम्लेश्वरी को 56 भोग

डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में ब्रह्ममुहूर्त में आरती की गई। नवरात्रि के नौ दिनों तक यहां प्रतिदिन सुबह-शाम माता रानी को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए जाएंगे। लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक हजार जवान तैनात किए गए हैं।

रायपुर: प्राचीन महामाया मंदिर में करधनी श्रृंगार

रायपुर के ऐतिहासिक महामाया देवी मंदिर में मां को सोने के आभूषण और करधनी पहनाई गई है। सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। मंदिर प्रांगण को रोशनी और फूलों से सजाया गया है।

बिलासपुर: मां महामाया का सोलह श्रृंगार

बिलासपुर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर में सोमवार को मां का सोलह श्रृंगार किया गया। परंपरा के अनुसार अब नवमी तक उनके वस्त्र नहीं बदले जाएंगे। श्रद्धालु रात 12 बजे तक दर्शन कर सकेंगे। सप्तमी को मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा।

डोंगरगढ़: परंपरागत आयोजन और सुरक्षा प्रबंधन

डोंगरगढ़ में नवरात्र पर्व 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 2 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ इसका समापन होगा।

  • एकम को घटस्थापना,

  • अष्टमी को हवन,

  • नवमी को विसर्जन किया जाएगा।

रेलवे और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

1,600 फीट ऊंचाई पर स्थित मंदिर

मां बम्लेश्वरी का मंदिर 1,600 फीट ऊंचाई पर स्थित है, जहाँ तक पहुंचने के लिए लगभग 1,000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। भक्तों की सुविधा के लिए रोपवे की व्यवस्था भी है। माना जाता है कि यह मंदिर करीब 2,200 साल पुराना है और इसकी परंपराएं राजा वीरसेन, विक्रमादित्य और पांडवों से जुड़ी हैं।

देश-प्रदेश से आने वाले श्रद्धालु मां बम्लेश्वरी और अन्य देवी मंदिरों में नौ दिनों तक पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करेंगे।