नान घोटाला केस: रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला तीसरी बार कोर्ट में सरेंडर
रिटायर्ड IAS अधिकारी आलोक शुक्ला नान घोटाला मामले में तीसरी बार कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचे हैं। इस दौरान कोर्ट परिसर में ED अधिकारियों की मौजूदगी के साथ CRPF जवानों की भी तैनाती की गई है। जानकारी के अनुसार, सरेंडर की प्रक्रिया जारी है और संभावना है कि ED उन्हें कस्टोडियल रिमांड पर ले सकती है। पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हो रही है।
पहले दो प्रयास असफल रहे
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18 सितंबर को आलोक शुक्ला कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड न होने के कारण कोर्ट ने सरेंडर स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
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19 सितंबर को वे दोबारा कोर्ट पहुंचे, लेकिन इस बार ED के वकील केस डायरी लेकर उपस्थित नहीं हुए। इसके चलते उन्होंने कोर्ट से समय मांगा और सरेंडर नहीं हो सका।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
नान घोटाला मामले में आलोक शुक्ला को पहले हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। लेकिन ED ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
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सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया।
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कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपियों को पहले 2 हफ्ते ED की हिरासत और उसके बाद 2 हफ्ते न्यायिक हिरासत में रहना होगा। इसके बाद ही जमानत मिल सकेगी।
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साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि ED अपनी जांच 3 महीने में और EOW 2 महीने में पूरी करे।
नान घोटाला: क्या है मामला?
नान (नागरिक आपूर्ति निगम) घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया। उस समय ACB/EOW ने नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) के 25 परिसरों पर एक साथ छापे मारे थे।
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छापों के दौरान 3.64 करोड़ रुपए नकद जब्त हुए।
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चावल और नमक के नमूनों की जांच में पाया गया कि वे घटिया और मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थे।
